मटर, काबुली चना पर पड़ेगा आयात शुल्क का सीधा असर
अमेरिका से आने वाले माल पर अतिरिक्त आयात शुल्क लगाने का सीधा असर मटर और काबुली चना पर पड़ेगा क्योंकि दोनों ही दलहन की सबसे ज्यादा आवक होती है। स्थानीय बाजार में दाल कारोबारियों ने आयात शुल्क बढ़ने की घोषणा के साथ ही मसूर की कीमत 100 रुपये क्विंटल तक बढ़ा दी है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : अमेरिका से आने वाले माल पर अतिरिक्त आयात शुल्क लगाने का सीधा असर मटर और काबुली चना पर पड़ेगा क्योंकि दोनों ही दलहन की सबसे ज्यादा आवक होती है। स्थानीय बाजार में दाल कारोबारियों ने आयात शुल्क बढ़ने की घोषणा के साथ ही मसूर की कीमत 100 रुपये क्विंटल तक बढ़ा दी है।
केंद्र सरकार ने अमेरिका से आने वाले काला चना, काबुली चना, मसूर, मटर पर आयात शुल्क 70 फीसद कर दिया है। काला चना और मसूर तो देश में भी काफी होती है लेकिन मटर और काबुली चना भारी मात्रा में अमेरिका से आयात किया जाता है। इस समय काबुली चना थोक बाजार में 50 रुपये से 58 रुपये किलो बिक रहा है। मटर 37 रुपये किलो है और मटर दाल 37.75 रुपये प्रति किलो बाजार में है। कारोबारियों के मुताबिक आने वाले समय में इन दोनों पर असर नजर आएगा।
शुक्रवार को दाल बाजार में मसूर की दालों में 100 रुपये प्रति क्विंटल उछाल आया। दाल कारोबारी नितिन गुप्ता के मुताबिक मांग ना होने की वजह से इसके जल्दी ही कम होने की उम्मीद है। शुक्रवार को काली मसूर 39 रुपये तथा मसूर मलका 44 रुपये किलो रही।
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15 रुपये किलो बढ़ेगा बादाम
कानपुर : बादाम पर अब तक 35 रुपये प्रति किलो आयात शुल्क था। इसे 20 फीसद बढ़ाया गया है। इसलिए अब आयात शुल्क 42 रुपये हो जाएगा। स्थानीय स्तर तक आते-आते बादाम की कीमतों पर 15 रुपये प्रति किलो तक का अंतर पड़ सकता है।
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बादाम की कीमत (प्रतिकिलो)
बादाम कीमत
बादाम गिरी 550-700
बादाम साबुत (अफगानी) 125
बादाम साबुत (अमेरिकी) 350-400
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कश्मीर पर निर्भर अखरोट की कीमत
अखरोट की कीमत कश्मीर की फसल पर निर्भर करेगी। दो माह बाद कश्मीर की फसल आ जाएगी। उसी समय तय होगा कि वहां की फसल कैसी है और अमेरिका से कितनी आवक होनी है।
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अमेरिका से माल आने में 50 दिन लगते हैं। जो माल वहां से चल चुका है, उसकी क्या स्थिति होगी, इस पर अभी तय होना बाकी है। बादाम की कीमत बढ़ेगी। अखरोट का भविष्य कश्मीर की फसल पर निर्भर करेगा।
- गिरीश भाटिया, थोक मेवा कारोबारी।