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ठंड की दस्तक से अस्पताल में बढऩे लगे इस मर्ज के रोगी, ओपीडी हो रही फुल

सर्दियों में मधुमेह हाइपरटेंशन एवं दिल के मरीजों की समस्याएं बढ़ जाती हैं। ठंड की वजह से शारीरिक गतिविधियां कम होने से रक्त की धमनियां सिकुडऩे लगती हैं। ऐसे में दिल को शरीर में रक्त आपूर्ति करने में अधिक मशक्कत यानी पंपिंग करनी पड़ती है।

By Akash DwivediEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 06:20 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 06:20 PM (IST)
ठंड की दस्तक से अस्पताल में बढऩे लगे इस मर्ज के रोगी, ओपीडी हो रही फुल
कोविड प्रोटोकॉल की वजह से बेड घटाकर 140 कर दिए गए

कानपुर, जेएनएन। ठंड ने दस्तक दे दी है। इसके साथ ही दिल के मरीजों की दुश्वारियां बढऩे लगी हैं। सीने में दर्द की शिकायत लेकर मरीज हृदय रोग संस्थान पहुंचने लगे हैं। इस वजह से लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान में मरीजों का दबाव बढऩे लगा है। ओपीडी से लेकर इमरजेंसी में मरीजों की भीड़ बढऩे लगी है। संस्थान में बेड की क्षमता 200 है, लेकिन कोविड प्रोटोकॉल की वजह से बेड घटाकर 140 कर दिए गए थे। 

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सर्दियों में मधुमेह, हाइपरटेंशन एवं दिल के मरीजों की समस्याएं बढ़ जाती हैं। ठंड की वजह से शारीरिक गतिविधियां कम होने से रक्त की धमनियां सिकुडऩे लगती हैं। ऐसे में दिल को शरीर में रक्त आपूर्ति करने में अधिक मशक्कत यानी पंपिंग करनी पड़ती है। इसलिए हाई ब्लड प्रेशर, घबराहट, बेचैनी और अनियमित धड़कन की शिकायत लेकर मरीज हृदय रोग संस्थान पहुंचने लगते हैं। वहीं, सीने में दर्द और माइनर हार्ट अटैक की समस्या भी हो रही है। 

हृदय रोग की स्थिति 

हृदय रोग संस्थान की ओपीडी में 550-600 के बीच मरीज आने लगे हैं। वहीं इमरजेंसी में रविवार को 98 मरीज देखे गए, उसमें से 29 मरीज भर्ती किए गए हैं। इसमें से कार्डियोलॉजी विभाग में 52 मरीज भर्ती हैं, जबकि काॢडयक सर्जरी विभाग में 55 मरीज भर्ती थे। 

मौसम बदते ही बढ़े मरीज

हृदय रोग संस्थान के निदेशक प्रो. विनय कृष्ण ने बताया कि मौसम में बदलाव के साथ ही दिल के मरीजों की संख्या बढऩे लगी है। अभी तक कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए 200 बेड से घटाकर 99 बेड कर दिए गए थे। उन्हेंं बढ़ाकर 140 कर दिया गया है। इमरजेंसी में अलग से होल्डिंग एरिया भी बनाया गया है। 

पुराने मरीज दवाइयों की डोज निर्धारित कराएं 

प्रो. विनय कृष्ण का कहना है कि ठंडक बढऩे के साथ ही हृदय रोगियों को दिक्कत होने लगती है। ऐसे में हृदय रोगियों को सांस चढऩा, सीने में दर्द होना, घबराहट, घुटन व पसीना आना जैसी समस्याएं होने लगती हैं। ऐसे रोगियों को चाहिए कि सुबह-शाम बाहर निकलने या टहलने से बचें। दवाइयों का नियमित सेवन करें। अगर फिर भी दिक्कत हो रही है तो विशेषज्ञ चिकित्सक को दिखाकर दवाइयों की डोज निर्धारित करा लें। 

यह रहें सतर्क 

सॢदयों के मौसम में खासकर ब्लड प्रेशर और मधुमेह पीडि़त सतर्क रहें। सुबह-शाम ठंड में निकलने से बचें, क्योंकि सुबह और शाम ही हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक अधिक पड़ता है। इसकी मुख्य वजह धूमपान, ब्लड प्रेशर, मधुमेह, कोलेस्ट्राल बढऩा व परिवार में किसी व्यक्ति को हार्ट की दिक्कत होना हो सकता है। 

इसका रखें ध्यान 

धूमपान से पूरी तरह करें परहेज।

नियमित ब्लड प्रेशर की जांच करें।

मधुमेह की नियमित जांच भी जरूरी।

कोलेस्ट्राल की भी करें निगरानी। 

खानपान का परहेज भी है जरूरी। 

फास्ट फूड एवं जंक फूड से परहेज।

नियमित 20-25 मिनट व्यायाम जरूरी।


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