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जाओ यहां से..डीएम-सीएम भी भर्ती न करा पाएंगे

जागरण संवाददाता कानपुर उर्सला अस्पताल की इमरजेंसी में रविवार सुबह नौ बजे डॉक्टर एवं फामा

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Aug 2019 01:38 AM (IST)Updated: Wed, 07 Aug 2019 06:22 AM (IST)
जाओ यहां से..डीएम-सीएम भी भर्ती न करा पाएंगे
जाओ यहां से..डीएम-सीएम भी भर्ती न करा पाएंगे

जागरण संवाददाता, कानपुर :

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उर्सला अस्पताल की इमरजेंसी में रविवार सुबह नौ बजे डॉक्टर एवं फार्मासिस्ट ने इलाज को आए घायल युवक को पहले बरगला कर नर्सिग होम भेजने का प्रयास किया। उसके न मानने पर दुत्कार कर भगा दिया। बोले, डीएम और सीएम भी यहां भर्ती नहीं करा पाएंगे। जहां शिकायत करना है कर दो। घायल के परिजन ने डीएम आवास पर गुहार लगाई तो सीएमओ से कहा गया लेकिन, मरीज भर्ती नहीं हो सका। परिजन ने डीएम व सीएम के जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की है। परिजन घायल को नर्सिग होम लेकर चले गए।

काकादेव एम ब्लॉक कच्ची बस्ती निवासी पवन कुमार शनिवार देर रात हादसे में घायल हो गए थे। सिर, जबड़े और आंख में गंभीर चोटें आई थीं। उसका भाई राजेश, चाचा कारेलाल एवं मां रविवार सुबह नौ बजे उसे लेकर उर्सला अस्पताल के इमरजेंसी ब्लॉक लेकर आए थे। राजेश एवं चाचा कारेलाल का आरोप है कि इमरजेंसी में चीफ फार्मासिस्ट दिलीप मिश्रा भर्ती करने से इन्कार कर दिया। वहां मौजूद डॉ. सुनील उत्तम से भर्ती करने का आग्रह किया तो उन्होंने कागजात देखने के बाद कहा कि गंभीर चोटें आई हैं, सरकारी अस्पताल में इलाज से ठीक नहीं हो पाएगा। नर्सिगहोम का नाम बताते हुए वहां जाने की सलाह दी। पूछने पर बोले, गंभीर चोटें हैं, इलाज में पैसा तो खर्च होगा। पैसा खर्च करने में असमर्थता की बताई तो फार्मासिस्ट भड़क गए और दुत्कार कर बाहर निकाल दिया। दोबारा डॉक्टर से मिलकर पैसा खर्च करने में असमर्थता बताते हुए आग्रह किया मगर, धक्का देते हुए निकाल दिया। वहां से सीधे डीएम बंगले गए। अपनी समस्या बताई तो वहां कर्मचारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को फोन मिलाया। सीएमओ ने उर्सला के चिकित्सा अधीक्षक से जाकर मिलने के लिए कहा। वहां दोबारा गए लेकिन, अधीक्षक नहीं मिले बल्कि फार्मासिस्ट दोबारा देखकर पुलिस बुलाने की धमकी देने लगे। ऐसे में दर्द से बेहाल भाई को कल्याणपुर स्थित नर्सिग होम में भर्ती कराया।

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सिर पर चोट का मरीज आया था। यहां न्यूरो सर्जन नहीं हैं, इसलिए भर्ती नहीं किया।

- डॉ. सुनील उत्तम, उर्सला अस्पताल।

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मेरी शिफ्ट में ऐसा कोई मरीज नहीं आया था। पता चला है कि सुबह की शिफ्ट में आया था, जिसे पर्चा बनवाने के लिए कहा तो चला गया।

दिलीप मिश्र, चीफ फार्मासिस्ट, उर्सला अस्पताल।

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डीएम की सख्ती के बावजूद सुधार नहीं हो रहा है। ऐसी शिकायतें आती हैं। लिखित शिकायत मिलने पर जांच कराएंगे।

- डॉ. शैलेंद्र तिवारी, इमरजेंसी प्रभारी, उर्सला अस्पताल।

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डीएम कार्यालय से फोन आया था। मरीज ने भर्ती न करने की शिकायत की थी। उसे उर्सला के अधीक्षक से मिलने के लिए भेजा था।

- डॉ. अशोक शुक्ला, सीएमओ।


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