हैलट में आए 26 Ventilators के टूटे थे Parts, प्राचार्य के पत्र लिखने के बाद भी इंजीनियरों ने नहीं बदले
अप्रैल-मई में कोरोना का पीक आने पर फिर से 26 वेंटिलेटरों की मरम्मत की बात उठी। इस पर कंपनी ने इंजीनियर भेजा लेकिन मरम्मत करने के बजाए उसने वहां रखे वेंटिलेटर का वीडियो बना लिया और उसे वायरल कर दिया।
कानपुर, जेएनएन। कानपुर, जेएनएन। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के एलएलआर अस्पताल में दो साल पहले 26 एक्वा वेंटिलेटर आए थे। जब कंपनी से वेंटिलेटर आए, उसी समय कई पाट्र्स नहीं थे। इसको लेकर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने लिखा-पढ़ी की थी, लेकिन कंपनी ने ध्यान नहीं दिया। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आरबी कमल का कहना है कि कंपनी ने 26 वेंटिलेटर एलएलआर अस्पताल में सप्लाई किए थे। जब से आए हैं, उनका इस्तेमाल मरीजों के लिए नहीं हो सका है।
इसके कई पाट््र्स टूटे थे तो कई भेजे ही नहीं गए थे। इसको लेकर लगातार कंपनी को पत्र लिखा जा रहा है। कंपनी के इंजीनियर भी आए, पाट्र्स लाकर लगाने की बात कही, लेकिन लेकर नहीं आए। अप्रैल-मई में कोरोना का पीक आने पर फिर से 26 वेंटिलेटरों की मरम्मत की बात उठी। इस पर कंपनी ने इंजीनियर भेजा, लेकिन मरम्मत करने के बजाए उसने वहां रखे वेंटिलेटर का वीडियो बना लिया और उसे वायरल कर दिया। इसके बाद कंपनी ने रखरखाव ठीक न होने की बात कहते हुए मरम्मत से इन्कार कर दिया।
इनका ये है कहना
- इंजीनियर ने वीडियो बनवाकर वायरल कर दिया। इस पर शासन-प्रशासन से जांच के आदेश हुए। जांच कराई तो वीडियो में कंपनी के इंजीनियर की आवाज थी, जो यहां मरम्मत के लिए भेजा गया था। जब कार्रवाई का अल्टीमेटम दिया तो गलती स्वीकारी। मरम्मत के लिए कंपनी इंजीनियर भेज रही है।
प्रो. आरबी कमल, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।