Move to Jagran APP

अंशकालिक शिक्षकों की भर्ती जल्द, दूर होगी शहर में संस्कृत विद्यालयों की बदहाली

प्रदेश के हर जिले से डाटा मांगा है। जिस से छात्र-शिक्षक अनुपात की स्थिति भी पता लग सके इन विद्यालयों का हमेशा से ये ड्रा बैक रहा की इनमें कमियों के चलते छात्रों ने प्रवेश को लेकर रूचि नहीं दिखाई।

By Moris SamuelEdited By: Published: Thu, 05 Nov 2020 04:34 PM (IST)Updated: Thu, 05 Nov 2020 04:34 PM (IST)
अंशकालिक शिक्षकों की भर्ती जल्द, दूर होगी शहर में संस्कृत विद्यालयों की बदहाली
माध्यमिक विद्यालय में पढ़ते हुए बच्चों की प्रतीकात्मक फोटो

कानपुर, जेएनएन। माध्यमिक शिक्षा विभाग से सम्बद्ध शहर के 16 संस्कृत विद्यालयों की बदहाली जल्द दूर होगी. शासन ने इन विद्यालयों में सबसे पहले शिक्षकों की कमी को पूरा करने के फैसला किया है। स्थायी रूप से भले ही कुछ दिनों बाद शिक्षकों को नौकरी मिल सके, फिलहाल मानदेय पर अंशकालिक शिक्षकों को नियुक्त कर पढ़ाई के ढर्रे को सुधारा जाएगा। प्रदेश के हर जिले से स्कूलों, शिक्षकों और छात्रों का डाटा मांगा गया है। जिस से छात्र-शिक्षक अनुपात की स्थिति  भी पता लग सके, दरअसल इन विद्यालयों का हमेशा से ये ड्रा बैक रहा की इनमें कुछ ना कुछ कमियों के चलते छात्रों ने प्रवेश को लेकर बहुत अधिक रूचि नहीं दिखाई हालांकि अब सरकार का पूरा फोकस है की ये विद्यालय भी बेहतर ढंग से संचालित हों और इनमें अधिक से अधिक छात्र प्रवेश ले सकें। शहर में हर वर्ष एक हजार से 1500 छात्र बोर्ड परीक्षा में शामिल होते हैं। इन विद्यालयों में वेदों और ज्योतिष की पढ़ाई कराने के लिए भी सरकार ने कार्ययोजना बना ली है। हालांकि पहले सभी कमियों को दूर करना ही प्राथमिकता होगी।

loksabha election banner

इनका है कहना

जल्द ही सभी संस्कृत विद्यालयों में मानदेय के आधार पर अंशकालिक शिक्षक तैनात किये जाएंगे। शासन ने स्कूलों,  शिक्षकों और छात्रों का पूरा विवरण मांगा है।

अशोक गुप्ता, उप निरीक्षक (संस्कृत विभाग) कानपुर मण्डल


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.