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पंचायत चुनाव के लिए कानपुर में बनाए 1994 बूथ, जानिए-क्या होगी पूरी व्यवस्था, बिकरू पर रहेगी खास नजर

कानपुर में पंचायत चुनाव को लेकर मतदान की तैयारियां शुरू हो गई हैं। शुक्रवार तक कार्मिकों की तैनाती के साथ प्रशिक्षण की तैयारी पूरी कर ली गई है। वहीं हर बूथ पर एक पीठासीन अधिकारी और तीन मतदान अधिकारी तैनात किए जाएंगे।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Wed, 31 Mar 2021 09:43 AM (IST)Updated: Wed, 31 Mar 2021 01:39 PM (IST)
पंचायत चुनाव के लिए कानपुर में बनाए 1994 बूथ, जानिए-क्या होगी पूरी व्यवस्था, बिकरू पर रहेगी खास नजर
कानपुर में पंचयात चुनाव में वोटिंग की तैयारी शुरू।

कानपुर, जेएनएन। पंचायत चुनाव में 826 मतदान केंद्रों के 1994 बूथों पर वोट डाले जाएंगे। मतदान तो 15 अप्रैल को है, लेकिन मतदान कार्मिकों की तैनाती शुक्रवार तक हो जाएगी, ताकि उनके प्रशिक्षण का काम समय से हो सके। प्रत्येक बूथ पर पीठासीन अधिकारी के साथ तीन मतदान कार्मिक तैनात किए जाएंगे। इस तरह सभी बूथों पर कुल 7976 मतदान कार्मिकों की तैनाती होगी। मतदान कार्मिक यदि बीमारी का बहाना बनाएंगे तो उन्हें मेडिकल बोर्ड के समक्ष पेश होना पड़ेगा।

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पंचायत चुनाव में सिर्फ राज्य कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी, किसी भी कर्मचारी की ड्यूटी उसके गांव के मतदान केंद्र पर न लग जाए इसका ध्यान रखा जाएगा। ऐसा इसलिए ताकि चुनाव के निष्पक्ष होने को लेकर कोई सवाल न खड़ा कर सके। मतदान कार्मिकों को दो चक्रों में प्रशिक्षण दिया जाना है, ताकि मतदान के दिन उनसे किसी तरह की कोई गलती न हो। मास्टर ट्रेनर का चयन भी शुक्रवार तक होना है।

अतिसंवेदनशील श्रेणी में बिकरू गांव

आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद चर्चा में आया बिकरू गांव अतिसंवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। भले ही माफिया विकास दुबे और उसके कई साथियों को पुलिस मुठभेड़ में मार चुकी हैै, लेकिन पुलिस किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती। यही वजह है कि पुलिस ने इस गांव के मतदान केंद्र को अतिसंवेदनशील श्रेणी में रखा है। जिले में 826 मतदान केंद्र हैं इनमें से 429 केंद्रों को संवेदनशील, अतिसंवेदनशील और अतिसंवेदनशील प्लस की श्रेणी में रखा गया है। इन केंद्रों पर पुलिस की अतिरिक्त व्यवस्था की जाएगी।

चौकीदार किए गए सतर्क

गांवों में तैनात चौकीदारों से कहा गया है कि वे आपराधिक किस्म के लोगों की गतिविधियों पर नजर रखें। साथ ही यह देखें कि कहीं कोई दावेदार शराब का वितरण तो नहीं कर रहा है। शराब बनाने के कार्य की निगरानी भी उन्हें करनी है। जैसे ही कहीं शराब बनाने या बांटने की शिकायत मिलेगी उन्हें तत्काल इसकी सूचना पुलिस को देनी है।


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