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दुश्वारियां : दावों में तैयारी...बिल्हौर में नहीं खुली पैकिंग, घाटमपुर में नहीं बना प्लेफार्म

प्लांट को असेंबल करने की बात तो दूर है। कोविड वार्ड में आक्सीजन पाइप लाइन बिछाने का कार्य भी अभी तक पूरा नहीं हो सका है। प्लांट से आक्सीजन की आपूर्ति के लिए पाइपलाइन भी बिछाई जानी है। वार्ड में पाइप लाइन ही लगाई गई है।

By Akash DwivediEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 12:20 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 12:20 PM (IST)
दुश्वारियां : दावों में तैयारी...बिल्हौर में नहीं खुली पैकिंग, घाटमपुर में नहीं बना प्लेफार्म
प्लांट से आक्सीजन की आपूर्ति के लिए पाइपलाइन भी बिछाई जानी है

कानपुर, जेएनएन। कोरोना की संभावित तीसरी लहर अगस्त-सितंबर तक आने की संभावना जताई जा रही है। अभी से ही कुछ राज्यों में केस भी बढऩे लगे हैं। उसके बाद भी जिले के ग्रामीण अंचल के तीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) पर कोरोना से निपटने की आधी-अधूरी तैयारी है। दूसरी लहर में आक्सीजन की किल्लत को देखते हुए बिल्हौर एवं घाटमपुर सीएचसी में आक्सीजन जनरेशन प्लांट की स्थापना की निर्णय लिया गया था। तीन माह गुजरने के बाद भी स्थापना नहीं हो सकी है। बिल्हौर सीएचसी में प्लेटफार्म तैयार है, लेकिन प्लांट की पैकिंग तक नहीं खुली है। घाटमपुर सीएचसी में तो प्लांट के प्लेटफार्म बनाने का कार्य अब शुरू हुआ है। जिस गति से कार्य चल रहा है ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर गुजरने तक ही पूरा हो पाएगा।

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बिल्हौर सीएचसी में 50 बेड का कोविड हास्पिटल बनाया गया है। कोविड हास्पिटल का शुभारंभ करने आए मंडलायुक्त डा. राजशेखर व विधायक भगवती प्रसाद सागर ने आक्सीजन प्लांट लगाने का निर्णय लिया था। उसके बाद से अस्पताल में आक्सीजन प्लांट के स्थाना की कार्रवाई चल रही है। प्लांट का प्लेटफार्म बन चुका है। रविवार को आक्सीजन प्लांट मशीनें भी आ चुकी हैं। उसकी अभी तक पैकिंग नहीं खोली जा सकी है। प्लांट को असेंबल करने की बात तो दूर है। कोविड वार्ड में आक्सीजन पाइप लाइन बिछाने का कार्य भी अभी तक पूरा नहीं हो सका है। प्लांट से आक्सीजन की आपूर्ति के लिए पाइपलाइन भी बिछाई जानी है। वार्ड में पाइप लाइन ही लगाई गई है। उसकी फिटिंग पूरी नहीं हो सकी है और न ही पोर्ट लग सके हैं।

घाटमपुर सीएचसी में 50 बेड का कोविड हास्पिटल बनाया जाना है। उसमें से अभी सिर्फ 25 बेड ही तैयार किए गए हैं, जबकि शासन ने 10 बेड बच्चों के लिए भी तैयार करने का निर्देश दिया है। वहीं, सीएचसी में आक्सीजन जनरेशन प्लांट नेयवेली उत्तर प्रदेश पावर लिमिटेड कंपनी (एनयूपीपीएल) के कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) फंड से लगाया जा रहा है। प्लांट की स्थापना की तिथि जिलाधिकारी ने 10 अगस्त दी है। हद तो यह है कि अब प्लांट की स्थापना के लिए प्लेटफार्म तैयार करने का कार्य शुरू हुआ है। जिस हिसाब से कार्य चल रहा है, ऐस में एक माह तक पूरा होने में संशय है।

कोविड हास्पिटल में आक्सीजन पाइप लाइन नहीं : आक्सीजन जनरेशन प्लांट से कोविड हास्पिटल के वार्ड में आक्सीजन सप्लाई के लिए पाइप लाइन भी नहीं है। प्लांट की स्थापना के बाद पाइप लाइन लगाने का कार्य शुरू होगा। सीएचसी अधीक्षक डा. कैलाश चंद्रा का कहना है कि कोविड हास्पिटल में 25 बेड तैयार हैं। अगर मरीज बढ़े तो 25 बेड और बढ़ाएंगे। आक्सीजन प्लांट तैयार करने के लिए डीएम ने 10 अगस्त तक का समय दिया है। प्लांट बनने के बाद कंपनी ही वार्डों में पाइपलाइन का कार्य शुरू करेगी। इसके लिए टेंडर हो गया है। सीएचसी अधीक्षक डा. अरविंद भूषण का कहना है कि बिल्हौर में 50 बेड का कोविड हास्पिटल बनाया गया है, उसमें से 10 बेड बच्चों के लिए रिजर्व रहेंगे। आक्सीजन जनरेशन प्लांट आ गया है। प्लांट की फिटिंग एक सप्ताह में पूरी हो जाएगी। उसके बाद ट्रायल में प्लांट चलाया जाएगा। वार्डों में आक्सीजन पाइप लाइन की फिटिंग का कार्य चल रहा है। 


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