आक्सीजन देने वाले ही दम तोड़ गए
-गोल चौराहा जीटी रोड से श्रम विभाग क्रासिग तक लगे पौधे सूखे और जाली गायब
-गोल चौराहा जीटी रोड से श्रम विभाग क्रासिग तक लगे पौधे सूखे और जाली गायब
जागरण संवाददाता, कानपुर : शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए नगर निगम ने करोड़ों रुपये खर्च कर दिए लेकिन शहरवासियों को धूल और धुएं से निजात नहीं मिली। हालत यह है कि आक्सीजन देने और धूल को सोखने के लिए जगह-जगह लगाए गए पौधे खुद आक्सीजन मांग रहे हैं। तमाम पौधे सूख गए हैं। इनकी सुरक्षा के लिए लगी जाली गायब हो गई है। रखरखाव के नाम पर कभी-कभी पानी का छिड़काव कर दिया जाता है। खाद और पानी नहीं मिला तो पौधे मुरझा गए।
दैनिक जागरण की टीम पिछले तीन दिन से लगातार लाखों रुपये की लागत से बने वर्टिकल गार्डन के रखरखाव की हकीकत का आईना अफसरों को दिखा रही है। जनता को लाभ नहीं मिला उल्टे मुसीबत बन गए हैं।
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पांच लाख से लगे पौधे सूखे, जाली टूटी
नगर निगम ने डेढ़ साल पहले अभियान चलाया कि जगह-जगह धूल और धुएं को सोखने के लिए पौधे लगाकर वर्टिकल गार्डन बनाए जाएंगे। पौधों ने धूल सोखी भी है। पौधे की पत्तियों पर धूल भरी है, लेकिन पानी का छिड़काव न होने से पौधे मुरझा गए है। डेढ़ साल पहले गोल चौराहा जीटी रोड से श्रम विभाग क्रासिग तक चार सौ पौधे और सुरक्षा के लिए जाली लगाई गई थी। इसमें तमाम पौधे सूख गए हैं। कई जगह जाली भी टूट गई है या गायब हो गई है। कूड़े और गंदगी का ढेर भी लगा हुआ है।
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सभी वर्टिकल गार्डन दुरुस्त कराने के लिए नगर आयुक्त को कहा गया है। साथ ही लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
- प्रमिला पांडेय महापौर
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वर्टिकल गार्डन का हाल
स्थान- गोल चौराहा से श्रम विभाग क्रासिग तक
पौधे लगे - 400
लागत - 05 लाख रुपये
समय - जुलाई 2020
जिम्मेदार- पहले उद्यान अधीक्षक डा वीके सिंह देख रहे थे अब उद्यान अधिकारी एमपी सिंह देख रहे हैं।