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Oxygen Crises: एक सप्ताह में पांचवी ऑक्सीजन ट्रेन आई कानपुर, अब नहीं रहेगा सांसों का संकट

बुधवार सुबह और बुधवार रात में दुर्गापुर से ट्रेन आईं इसके बाद अब शनिवार भोर के समय ट्रेन आई है। करीब 70 टन के करीब का भंडार कानपुर में है दो दिन के लिए आराम से चल सकता है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 12:58 PM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 12:58 PM (IST)
Oxygen Crises: एक सप्ताह में पांचवी ऑक्सीजन ट्रेन आई कानपुर, अब नहीं रहेगा सांसों का संकट
ऑक्सीजन लेने के लिए लगने वाली दौड़ कम हो गई है।

कानपुर, जेएनएन। कानपुर में शनिवार भोर पहले के थोड़ा पहले करीब पौने चार बजे एक और ऑक्सीजन ट्रेन आई। 40 टन ऑक्सीजन के साथ यह ट्रेन टाटा नगर से आई। इससे पहले सभी ट्रेन दुर्गापुर से आई थीं। रविवार से अब तक पांच ऑक्सीजन ट्रेन कानपुर आ चुकी हैं। अब तक कानपुर को ट्रेन के जरिए 240 टन ऑक्सीजन मिल चुकी है।

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शहर में ऑक्सीजन की किल्लत को दूर करने के लिए नौ मई को पहली ऑक्सीजन ट्रेन कानपुर आई थी। दुर्गापुर से आई ट्रेन में चार कंटेनर में 80 टन ऑक्सीजन थी। ट्रेन से ऑक्सीजन आने की शुरुआत के साथ ही पनकी स्थित इंडेन के कंटेनर में इसके स्टोरेज की व्यवस्था भी कर दी गई थी। इसके बाद की ट्रेनों में 40-40 टन ऑक्सीजन आई। रविवार के बाद अगले ट्रेन मंगलवार को आई। इसके बाद बुधवार सुबह और बुधवार रात में दुर्गापुर से ट्रेन आईं। इसके बाद अब शनिवार भोर के समय ट्रेन आई। पहले की ट्रेनों की तरह ही इस ट्रेन से आई ऑक्सीजन को भी पनकी स्थित 120 टन की क्षमता के कंटेनर में रखा गया।

अधिकारियों के मुताबिक इस समय करीब 70 टन के करीब का भंडार कानपुर में है और वर्तमान मांग को देखते हुए यह भंडार दो दिन के लिए आराम से चल सकता है। दूसरी ओर ऑक्सीजन प्लांट के बाहर लग रही लाइनें भी मरीजों की संख्या कम होने के साथ घट गई हैं। इसलिए अब ऑक्सीजन प्लांट पर सिंगल सिलिंडर देने का भी बहुत ज्यादा दबाव नहीं रह गया है। अस्पताल और नर्सिंग होम में भी जैसे-जैसे मरीजों की संख्या कम हो रही है वहां की गाड़ियों की भी ऑक्सीजन लेने के लिए लगने वाली दौड़ कम हो गई है।


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