भूख हड़ताल पर बैठे आउटसोर्सिंग की स्टाफ नर्स व वार्ड ब्वाय
एलएलआर अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक कार्यालय के बाहर डटे लगा रहे न्याय की गुहार
जागरण संवाददाता, कानपुर : रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रकरण में एलएलआर अस्पताल (हैलट) के न्यूरो साइंस सेंटर के कोविड हास्पिटल से हटाई गईं आउटसोर्सिंग कंपनी की स्टाफ नर्स और वार्ड ब्वाय शुक्रवार सुबह प्रमुख अधीक्षक कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए। उनका कहना है कि कोरोना काल में पूरी लगन से मरीजों की देखभाल एवं इलाज में सहयोग किया। उसका इनाम तो नहीं मिला, पर चोरी का आरोप लगा नौकरी से निकाल दिया गया। जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक भूख हड़ताल पर डटे रहेंगे।
कोविड हास्पिटल से रेमडेसिविर की चोरी मामले में एलएलआर अस्पताल के कोविड हास्पिटल में ड्यूटी करने वाले डाक्टरों, जूनियर रेजीडेंट एवं स्थायी नर्सिंग स्टाफ को बचाने के लिए मेडिकल कालेज प्रशासन पर मनमाने तरीके से कार्रवाई का आरोप लग रहा है। सेवा से हटाए गए आउटसोर्सिंग कंपनियों के कर्मचारियों का आरोप है कि पक्षपातपूर्ण कार्रवाई की गई है। जांच के दौरान किसी को न नोटिस दिया गया और न ही पूछताछ की गई। कई तो ऐसे हैं, जिन्होंने वहां ड्यूटी भी नहीं की, फिर से उनकी सेवा समाप्त कर दी गई। इसको लेकर सभी ने मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, मेडिकल कालेज के प्राचार्य, एलएलआर के प्रमुख अधीक्षक, सीएमएस से मिलकर पक्ष रखा, फिर भी सुनवाई नहीं हुई। उनका कहना है कि महापौर प्रमिला पांडेय से गुहार लगाई तो उन्होंने डीएम से बात करने का भरोसा दिलाया है। 23 नर्सिंग स्टाफ और 27 वार्ड ब्वाय की सेवा समाप्त की गई है। कर्मचारियों का कहना है कि अब नौकरी न होने के कारण उनके सामने खाने का संकट उत्पन्न हो गया है।