देश के सौ स्कूलों में यूपी से एकमात्र केवी आइआइटी, यहां के छात्र पढ़ेंगे आर्टीफिशियल इटेंलीजेंस
ग्वालियर के केवी रीजनल प्रशिक्षण संस्थान ने शिक्षकों को बुलाया है।
कानपुर, [समीर दीक्षित]। रोबोट, आटोमेटेड सेल्फ कंट्रोल सिस्टम सॉफ्टवेयर को दिमाग देने वाले आर्टीफिशियल इंटेंलीजेंस की पढ़ाई अब शुरुआती स्तर से होगी। केंद्रीय विद्यालय (केवी) संगठन ने उच्च तकनीकी संस्थानों में पढ़ाए जाने वाले इस कोर्स को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू करने के लिए भी आइआइटी कानपुर स्थित केवी आइआइटी को पत्र भेजा है। एक अप्रैल से शुरू होने वाले नए सत्र से कोर्स की पढ़ाई शुरू हो जाएगी और आठवीं से 12 वीं तक छात्र-छात्राओं के लिए यह अनिवार्य होगा। संगठन ने केवी आइआइटी के दो शिक्षकों को ग्वालियर स्थित प्रशिक्षण संस्थान बुलाया है।
प्रदेश में सिर्फ केवी आइआइटी
नए पाठ्यक्रम को शुरू करने के लिए केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) के जोनल इंस्टीट्यूट ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 100 स्कूलों का चयन किया है। प्रदेश में एकमात्र कानपुर का केवी आइआइटी स्कूल शामिल है। छात्र-छात्राओं को इस विषय की पढ़ाई कैसे करानी है, इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। केवी आइआइटी से दो शिक्षक ग्वालियर प्रशिक्षण लेने जाएंगे। ये शिक्षक मास्टर ट्रेनर के रूप में विद्यालय के अन्य शिक्षक-शिक्षिकाओं को प्रशिक्षित करेंगे। इसके बाद अन्य केंद्रीय विद्यालयों में इसे लागू किया जाएगा।
ये है आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस
केंद्रीय विद्यालय आइआइटी के प्रधानाचार्य आरएन वडालकर ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस कंप्यूटर साइंस की एक शाखा है। इसकी मदद से मशीन को इस प्रकार विकसित किया जाता है कि वह आम आदमी की तरह परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लेकर कार्य कर सके।
आइआइटी के प्रोफेसर करेंगे मदद
केवी आइआइटी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की पढ़ाई के लिए आइआइटी कानपुर के प्रोफेसरों की मदद ली जाएगी। ये प्रोफेसर न केवल छात्रों को प्रायोगिक जानकारी देंगे बल्कि सरल भाषा में इसके गूढ़ रहस्य भी बताएंगे।