डिस्काउंट ऑफर वाले लिंक बैंक खाते के दुश्मन, इस तरह कर सकते बचाव
पीएसआइटी में साइबर अपराध की कार्यशाला में विशेषज्ञों ने दिए टिप्स।
By AbhishekEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 02:07 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2019 02:07 PM (IST)
कानपुर, जेएनएन। सोशल साइट््स पर आये डिस्काउंट ऑफर वाले विज्ञापन पर क्लिक करना आर्थिक नुकसान साबित हो सकता है। इनके ङ्क्षलक पर क्लिक करते ही ठग आपके बैंक अकाउंट तक पहुंच सकते हैं और डाटा चोरी करके उसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। पीएसआइटी कॉलेज भौंती में पुलिस की साइबर अपराध की कार्यशाला में एथिकल हैकर अमित दुबे ने ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के तरीके बताए। उन्होंने बताया कि इस तरह के अधिकांश विज्ञापन ठग ही पोस्ट करते हैं। सोशल साइट््स के सभी अकाउंट का पासवर्ड अलग-अलग रखना चाहिए, क्योंकि एक अकाउंट हैक हुआ तो अन्य भी आसानी से हो जाएंगे।
पब्लिक आइपी के इस्तेमाल से बचें
एथिकल हैकर अमित दुबे ने बताया कि पार्क, स्टेशन, एयरपोर्ट जैसे स्थानों पर लगे वाइफाइ को कनेक्ट नहीं करना चाहिए। वहां से भी आपका डाटा चोरी हो सकता है। वेरीफाइड एप ही डाउन लोड करें। गूगल प्ले स्टोर का उपयोग बेहतर है।
समय-समय पर पासवर्ड जरूर बदलें
साइबर एक्सपर्ट ईशान सिन्हा ने बताया कि लंबे समय तक एटीएम, नेट बैंङ्क्षकग और मोबाइल बैंङ्क्षकग के लिए एक पासवर्ड का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। 2016 में हुई नोट बंदी के बाद से साइबर अपराध की घटनाएं 40 प्रतिशत तक बढ़ी हैं।
यूजर अवेयरनेस जरूरी
साइबर एक्सपर्ट आनंद हांडा ने कहा कि अकसर सिस्टम और मोबाइल पर आने वाले साफ्टवेयर अपडेट के नोटिफिकेशन को नजरंदाज करना सही नहीं है। एंटीवायरस साफ्टवेयर को जरूर अपडेट करें।
बैंक से फोन पर कोई नहीं पूछता खाते की जानकारी
हैकर बैंक कर्मचारी, बीमा कर्मी और लॉटरी वाला बनकर फोन करते हैं। बैंक खाता, ई मेल आइडी, पासवर्ड, डेबिट या क्रेडिट कार्ड की जानकारी व फोन पर आया वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) पूछकर खाते से फंड ट्रांसफर कर लेते हैं। जबकि बैंक कभी आपके खाते की जानकारी नहीं पूछता।
इन बातों का रखें ध्यान
-एटीएम से रुपये निकालते समय किसी को भी बूथ के अंदर न आने दें।
-कार्ड स्वाइप करने वाली जगह को हिलाकर देख लें, कहीं क्लोनिंग डिवाइस न लगी हो।
-किसी को भी कार्ड का नंबर, पिन कोड या सीवीवी कोड न बताएं।
-जो मोबाइल नंबर खाते से जुड़ा है, उसे हरगिज बंद न करें।
-फोन पर दिए जा रहे लुभावने ऑफर व लॉटरी के लालच में न आएं।
-ऑनलाइन खरीदारी करते समय भी वेबसाइट को पहले जांच लें।
पब्लिक आइपी के इस्तेमाल से बचें
एथिकल हैकर अमित दुबे ने बताया कि पार्क, स्टेशन, एयरपोर्ट जैसे स्थानों पर लगे वाइफाइ को कनेक्ट नहीं करना चाहिए। वहां से भी आपका डाटा चोरी हो सकता है। वेरीफाइड एप ही डाउन लोड करें। गूगल प्ले स्टोर का उपयोग बेहतर है।
समय-समय पर पासवर्ड जरूर बदलें
साइबर एक्सपर्ट ईशान सिन्हा ने बताया कि लंबे समय तक एटीएम, नेट बैंङ्क्षकग और मोबाइल बैंङ्क्षकग के लिए एक पासवर्ड का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। 2016 में हुई नोट बंदी के बाद से साइबर अपराध की घटनाएं 40 प्रतिशत तक बढ़ी हैं।
यूजर अवेयरनेस जरूरी
साइबर एक्सपर्ट आनंद हांडा ने कहा कि अकसर सिस्टम और मोबाइल पर आने वाले साफ्टवेयर अपडेट के नोटिफिकेशन को नजरंदाज करना सही नहीं है। एंटीवायरस साफ्टवेयर को जरूर अपडेट करें।
बैंक से फोन पर कोई नहीं पूछता खाते की जानकारी
हैकर बैंक कर्मचारी, बीमा कर्मी और लॉटरी वाला बनकर फोन करते हैं। बैंक खाता, ई मेल आइडी, पासवर्ड, डेबिट या क्रेडिट कार्ड की जानकारी व फोन पर आया वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) पूछकर खाते से फंड ट्रांसफर कर लेते हैं। जबकि बैंक कभी आपके खाते की जानकारी नहीं पूछता।
इन बातों का रखें ध्यान
-एटीएम से रुपये निकालते समय किसी को भी बूथ के अंदर न आने दें।
-कार्ड स्वाइप करने वाली जगह को हिलाकर देख लें, कहीं क्लोनिंग डिवाइस न लगी हो।
-किसी को भी कार्ड का नंबर, पिन कोड या सीवीवी कोड न बताएं।
-जो मोबाइल नंबर खाते से जुड़ा है, उसे हरगिज बंद न करें।
-फोन पर दिए जा रहे लुभावने ऑफर व लॉटरी के लालच में न आएं।
-ऑनलाइन खरीदारी करते समय भी वेबसाइट को पहले जांच लें।
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