कानपुर में सिर्फ बड़े चौराहे पर हो रहे ऑनलाइन चालान, बाकी जगह राम भरोसे चौराहे
शहर के आठ चौराहों पर 32 सीसीटीवी कैमरे सुपर मॉडल चौराहे बड़ा चौराहा और विजय नगर चौराहे पर 13-13 सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। वहीं बीएलएनएल के नेटवर्क से आठ चौराहों पर पीए सिस्टम बड़ा चौराहा और कारसेट चौराहे पर रेड लाइट वाइलेशन (आरएलबीडी) कैमरे लगाए गए थे।
कानपुर, जेएनएन। शहर में यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केडीए ने 32 करोड़ की लागत से इंट्रीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) सात साल पहले शुरू किया गया था, जिसके तहत 68 चौराहों पर सिग्नल और 58 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। सात साल में सिस्टम पूरी तरह से नहीं चल सका। वहीं जून 2020 में बीएसएनएल से करार खत्म होने के बाद से आइटीएमएस कंट्रोल रूम बंद पड़ा था।
शहर में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद यातायात के सुधार की ओर भी कदम उठाए गए हैं। जिसके तहत आइटीएमएस तो चालू हो गया, लेकिन सिर्फ बड़े चौराहे पर ही ऑनलाइन चालान की सुविधा चल रही है।
दिल्ली की ओनिक्स इलेक्ट्रानिक्स प्राइवेट लिमिटेड से केडीए ने सिग्नल और सीसीटीवी कैमरे लगवाने का काम कराया था। इसकी मेंटीनेंस की जिम्मेदारी भी इसी कंपनी को दी गई थी, लेकिन कहीं विद्युत कनेक्शन तो कहीं मेट्रो का काम होने में अंडरग्राउंड डाली गई केबिल कट गई, जिससे बड़ी संख्या में चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरे और सिग्नल बंद पड़े हैं।
कंपनी की ओर से शहर के आठ चौराहों पर 32 सीसीटीवी कैमरे, सुपर मॉडल चौराहे बड़ा चौराहा और विजय नगर चौराहे पर 13-13 सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। वहीं बीएलएनएल के नेटवर्क से आठ चौराहों पर पीए सिस्टम, बड़ा चौराहा और कारसेट चौराहे पर रेड लाइट वाइलेशन (आरएलबीडी) कैमरे लगाए गए थे। करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी सिग्नल और सीसीटीवी कैमरे चल नहीं सके थे। शहर में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद आइटीएमएस को शुरू किया गया। हालांकि अभी आइटीएमएस से सिर्फ बड़े चौराहे पर ही आन लाइन चालान की व्यवस्था शुरूहुई है। एडीसीपी ट्रैफिक निखिल पाठक ने बताया कि जल्द ही अन्य चौराहों पर भी व्यवस्थाएं दुरुस्त करके आइटीएमएस से जोड़ा जाएगा। कुछ अन्य चौराहों पर स्मार्ट सिटी के कैमरों से चालान किए जा रहे हैं।