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Inflation : भोजन की थाली पर दिख रहा बारिश का असर, प्याज, दाल व तेल सब हुए महंगे

बाजार में दोगुने हो चुके हैं प्याज के दाम सिर्फ शाजापुर से हो रही है आवक।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 08 Sep 2020 09:33 AM (IST)Updated: Tue, 08 Sep 2020 09:33 AM (IST)
Inflation : भोजन की थाली पर दिख रहा बारिश का असर, प्याज, दाल व तेल सब हुए महंगे

कानपुर, जेएनएन। भोजन की थाली पर महंगाई का असर अब नजर आने लगा है। खासकर प्याज, तेल और दाल के दाम लगातार इजाफा हो रहा है। सिर्फ प्याज की ही बात करें तो पिछले दस दिन में इसके दाम थोक बाजार में दोगुने हो चुके हैं। दाल के दाम पर भी महंगाई का असर साफ दिख रहा है।

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दस दिन पहले थोक बाजार में प्याज के दाम 10 से 12 रुपये प्रति किलो थे। अब ये 20 से 25 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुका है। इसी का असर है कि फुटकर में 15 से 20 रुपये प्रति किलो बिकने वाला प्याज इस समय 35 रुपये किलो पर पहुंच गया है। प्याज कारोबारी अजय मिश्रा के मुताबिक नासिक, कर्नाटक, गुजरात में भारी बारिश से प्याज की फसल पर असर पड़ा है। इस समय शाजापुर से प्याज आ रहा है। इसीलिए दाम ज्यादा हैं।

पामोलीन की कमी से उछला तेल बाजार

पामोलीन में कमी की वजह से रिफाइंड, वनस्पति की कीमतों पर असर पड़ रहा है। तेल कारोबारी अमूल्य गुप्ता के मुताबिक इंडोनेशिया व मलेशिया में पामोलीन के रॉ मैटेरियल का उत्पादन कम है। इस वजह से इसकी कीमतें बढ़ी हैं। इसे रिफाइंड व वनस्पति दोनों में मिलाया जाता है। अप्रैल में पामोलीन का 15 लीटर का टीन 1180 रुपये में था जो अब 1325 रुपये में है। 145 रुपये की वृद्धि का प्रभाव रिफाइंड व वनस्पति पर पड़ा है। अप्रैल में 1225 रुपये में मिल रहा रिफाइंड का टीन अब 1420 रुपये का हो चुका है। वहीं 15 लीटर के वनस्पति के टीन की कीमत 1020 रुपये से बढ़कर 1130 रुपये हो गई है।

लाही ने महंगा किया कड़वा तेल

अप्रैल में थोक बाजार में लाही के दाम 38 रुपये प्रति किलो थे जो अब 50 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गए हैं। कानपुर गल्ला आढ़तिया संघ के प्रधान सचिव ज्ञानेश मिश्रा के मुताबिक लाही का उत्पादन भी कम हुआ है। इसी का असर कीमतों पर है। कड़वा तेल के कारोबारी प्रेम कृष्णा गुप्ता के मुताबिक इसके चलते ही कड़वा तेल थोक बाजार मेंं 95 से 114 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है।

कमजोर फसल से बढ़ी अरहर

उत्तर प्रदेश के अलावा पड़ोसी देश म्यांमार में अरहर की फसल कमजोर होने से कीमतों में अचानक वृद्धि होने लगी है। थोक कारोबारी मधुबन बिहारी गुप्ता के मुताबिक इसके चलते ही पिछले दो माह में दालों की कीमतें बढ़ी हैं। मटर व चना का आयात बंद है, इसलिए इनकी कीमतों में भी उछाल आया है।

दाल की कीमतें (प्रतिकिलो)

दाल     जुलाई मध्य में          वर्तमान

अरहर       80                       86

मटर         55                       70

चना         50                       58

मसूर मलका 64                    66

उड़द काली 70                      75

उड़द धुली 78                       82

डालर चना 56                      72 


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