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जहां डॉक्टर करेंगे पढ़ाई, वहां एक साल अनिवार्य रूप से देंगे अपनी सेवाएं, जानिए- क्या है वजह

शासन ने जेआर-एसआर के लिए एक साल सेवा अनिवार्य कर दी है जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज समेत सभी चिकित्सकीय संस्थानों में नियम लागू होगा।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 15 Aug 2020 11:34 PM (IST)Updated: Sat, 15 Aug 2020 11:34 PM (IST)
जहां डॉक्टर करेंगे पढ़ाई, वहां एक साल अनिवार्य रूप से देंगे अपनी सेवाएं, जानिए- क्या है वजह
जहां डॉक्टर करेंगे पढ़ाई, वहां एक साल अनिवार्य रूप से देंगे अपनी सेवाएं, जानिए- क्या है वजह

कानपुर, जेएनएन। कोरोना महामारी के दौरान डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे चिकित्सकीय संस्थानों के लिए राहत भरी खबर है। पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) की पढ़ाई पूरी करने वाले जूनियर डॉक्टरों (जेआर) को अब एक साल तक उसी संस्थान में अनिवार्य रूप से सीनियर रेजीडेंट (एसआर) का काम करना होगा। उनके कॉलेज में पद खाली नहीं होने पर आसपास के दूसरे मेडिकल कॉलेजों में योगदान देना होगा। इसी तरह कार्यरत सीनियर रेजीडेंट भी एक साल सेवा जरूर देंगे। शासन से आदेश जारी होने के बाद महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा (डीजीएमई) कार्यालय इसके दिशा-निर्देश तैयार करने में जुटा है।

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जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज समेत सभी राजकीय और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में पीजी अंतिम वर्ष की परीक्षाएं संपन्न हो रही हैं। कुछ दिनों में रिजल्ट भी आ जाएगा। इस बीच, शासन से आदेश हो गया है कि जूनियर और सीनियर डॉक्टर को एक साल तक अपने ही कॉलेज में अनिवार्य रूप से सेवा करना होगा। सभी जेआर संबंधित विशेषज्ञता में रिक्त एसआर की सीटों पर योगदान करेंगे। इसी तरह कार्यरत एसआर को एक साल तक सेवाएं देनी होंगी, वे बीच में नहीं छोड़ सकते हैं।

एसआर बनेंगे संविदा शिक्षक

शासन के आदेश में कहा गया है कि जिन एसआर का एक साल पूरा हो चुका है, उन्हें उसी मेडिकल कॉलेज में संबंधित विशेषज्ञता के रिक्त असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर संविदा शिक्षक के रूप में तैनात किया जाएगा। उनके कॉलेज में जगह नहीं है तो आसपास के सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्राथमिकता के आधार पर रखा जाएगा।

इन कॉलेजों को फायदा : कन्नौज, जालौन, बांदा, सहारनपुर, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, सैफई।

  • अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे ने आदेश दिया है। आदेश को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक कार्यालय में दिशा-निर्देश तैयार किए जा रहे हैं। आदेश प्रभावी होने से कॉलेज में एसआर की कमी नहीं रहेगी। संविदा चिकित्सकों के पद भी आसानी से भरे जा सकेंगे। -प्रो. आरबी कमल, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।

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