50 मोहल्लों के एक लाख लोगों को मिलेगा भरपूर पानी
पचास मोहल्लों में रहने वाले एक लाख लोगों के लिए खुशखबरी है।
जागरण संवाददाता, कानपुर: पचास मोहल्लों में रहने वाले एक लाख लोगों के लिए खुशखबरी है। इन लोगों को तीन माह बाद भरपूर पीने का पानी मिलेगा। जलकल 9.75 करोड़ रुपये से 19 नलकूप रीबोरिग और नए लगवाने जा रहा है। महापौर ने जलकल मुख्यालय बेनाझाबर में लगने वाले नलकूपों का शिलान्यास किया।
शहर में जलापूर्ति दुरुस्त करने के लिए जलकल 15 वें वित्त आयोग से शहर में सात नए नलकूप, दस नलकूपों की रीबोरिग और दो मिनी नलकूपों की स्थापना 9.75 करोड़ रुपये से कराएगा। महापौर प्रमिला पांडेय ने शुक्रवार को जलकल मुख्यालय में नलकूपों का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि हर हाल में तय समय पर नलकूप चालू कर दिए जाएं ताकि जनता को पीने का पानी मिलता रहे। इस अवसर पर अपर नगर आयुक्त, जलकल महाप्रबंधक नीरज गौड़, सचिव केपी आनंद, अधिशासी अभियंता वीरेंद्र सिन्हा, प्रमोद कुमार जौहरी, पीके सिंह, एसके गुप्ता व आनंद कुमार त्रिपाठी मौजूद रहे।
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यहां पर लगेंगे नलकूप
- 5.50 करोड़ रुपये से जलकल दस नलकूपों की रीबोरिग कराएगा। एक नलकूप की रीबोरिग 55 लाख रुपये से होगी।
- कैनाल पटरी, तौदकपुर, हंसपुरम, बाबूपुरवा, बर्रा दो, गीता पार्क, शास्त्रीनगर, दादानगर, बर्रा पांच और डी ब्लाक गुजैनी में नलकूपों की रीबोरिग होगी।
- 3.75 करोड़ रुपये से दौलतपुर, नाजिर बाग, बगाही, गोविद नगर, गंभीरपुर गांव में नलकूप लगेंगे। एक नलकूप की कीमत 75 लाख रुपये है।
- 50 लाख रुपये से हालसी रोड व रावतपुर में मिनी नलकूप लगाए जाएंगे। एक मिनी नलकूप की कीमत 25 लाख रुपये है।
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चरागाह की भूमि पर प्रशासन ने लिया कब्जा जासं, कानपुर : बारा सिरोही गांव स्थित ग्राम समाज की भूमि गाटा संख्या 499 रकवा 0.482 हेक्टेयर जो राजस्व अभिलेखों में कुछ लोगों के नाम दर्ज हो गई थी प्रशासन ने शनिवार को उस पर कब्जा किया। साथ ही राजस्व अभिलेखों से उनके नाम काट कर भूमि को चरागाह के रूप में दर्ज किया गया।
बारासिरोही स्थित चरागाह की भूमि केशवनगर के संजय गर्ग, किदवई नगर के योगेश चंद्र, किदवई नगर निवासी देवी सहाय कनौडिया, मकसूदाबाद निवासी संतोष कुमार आदि लोगों के नाम गलत तरीके से दर्ज हो गई थी। इस मामले में एसडीएम दीपक पाल की कोर्ट में वाद दायर हुआ तो उन्होंने तहसीलदार सदर से आख्या मांगी। तहसीलदार ने त्रुटिवश संक्रमणीय भूमिधरों का नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज होने की रिपोर्ट दी। एसडीएम ने तत्काल अभिलेखों में भूमि की प्रकृति चरागाह के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया। शनिवार को राजस्व विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर भूमि पर कब्जा लिया और नाम जोखकर वहां पर अतिक्रमण न करने का चेतावनी संबंधी बोर्ड भी लगाया।