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अब पुलिस के कंधों पर नहीं दिखाई देगी थ्री नॉट थ्री रायफल, आखिर हटाने की क्या रही वजह Kanpur News

शासन के आदेश पर थानों से मंगवाई गईं ब्रिटिश दौर की बूढ़ी रायफल सीतापुर स्थित शस्त्र भंडार में कर दी जाएंगी बंद।

By AbhishekEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 11:14 PM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 09:37 AM (IST)
अब पुलिस के कंधों पर नहीं दिखाई देगी थ्री नॉट थ्री रायफल, आखिर हटाने की क्या रही वजह Kanpur News
अब पुलिस के कंधों पर नहीं दिखाई देगी थ्री नॉट थ्री रायफल, आखिर हटाने की क्या रही वजह Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। अंग्रेजी हुकूमत के दौर की थ्री नॉट थ्री रायफलों को आखिरकार अलविदा कह दिया गया। शासन के आदेश पर सभी थानों से यह रायफल पुलिस लाइन स्थित शस्त्रागार में जमा कराई जा रही हैं। इसके बाद जल्द उन्हें सीतापुर स्थित केंद्रीय शस्त्र भंडार भेजा जाएगा और हमेशा के लिए उन्हें बंद कर दिया जाएगा। उनके स्थान पर थाना व अन्य विभागों की पुलिस अब केवल एके 47, इंसास और एसएलआर जैसी रायफलों का ही इस्तेमाल करेगी।

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सर्वेक्षण के बाद घोषित कर दिया गया था अप्रचलित

केंद्र सरकार के एक सर्वेक्षण के बाद थ्री नॉट थ्री बोर की रायफल को अप्रचलित घोषित कर दिया गया था, लेकिन असलहों की कमी के चलते यूपी में इनका इस्तेमाल किया जा रहा था। इसी साल अप्रैल में ही लोकसभा चुनाव के दौरान ये बूढ़ी रायफलें जिले में जवानों के कंधों पर टंगी दिखी थीं। इसके बाद दोबारा उन्हें शस्त्रागारों में जमा करा लिया गया लेकिन पिछले दिनों शासन की ओर से सख्त निर्देश दिए गए कि थ्री नॉट थ्री रायफलों का अब प्रयोग नहीं किया जाएगा और उनके स्थान पर अब इंसास, एसएलआर, एके 47 जैसे हथियार दिए जाएंगे। इसके बाद सभी थानेदारों को रायफलें जमा कराने के आदेश दिए गए हैं। एसपी क्राइम राजेश यादव ने बताया कि अत्याधुनिक हथियारों की जिले में कमी नहीं है। सभी थ्री नॉट थ्री रायफल वापस शस्त्रागार में जमा कराई जा रही हैं। यहां से जल्द इन्हें केंद्रीय शस्त्रागार भेजा जाएगा। जरूरत पड़ी तो शासन से और रायफलों की डिमांड की जाएगी।

यह है स्थिति

थ्री नॉट थ्री (थ्री नॉट थ्री रायफल)           - 1837

इंसास (इंडियन स्माल आम्र्स सिस्टम)  - 1800

एसएलआर (सेल्फ लोडिंग राइफल)      - 244

1962 के युद्ध में हुआ था इस्तेमाल

आजादी से पूर्व यूपी में पहली बार पुलिस को थ्री नॉट थ्री रायफलें दी गई थीं। लेकिन इनका व्यापक इस्तेमाल 1962 में चीन से हुए युद्ध के दौरान किया गया था।

लंबाई ज्यादा होने से मुश्किलें

सर्वे में सामने आया था कि रायफलों की लंबाई ज्यादा (44.5 इंच) होने की वजह से इसका संचालन मुश्किल होता है।  


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