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अब 12वीं के बाद भी कर सकेंगे बीएड, एनसीटीई ने लगाई मुहर

नए पाठ्यक्रम का गजट जारी हुआ प्रवेश परीक्षा से दाखिला मिलेगा।

By AbhishekEdited By: Published: Thu, 04 Apr 2019 01:29 PM (IST)Updated: Fri, 05 Apr 2019 12:34 PM (IST)
अब 12वीं के बाद भी कर सकेंगे बीएड, एनसीटीई ने लगाई मुहर
अब 12वीं के बाद भी कर सकेंगे बीएड, एनसीटीई ने लगाई मुहर

कानपुर, जेएनएन। बीएड की पढ़ाई करने के लिए अब स्नातक करना जरूरी नहीं, जल्द ही 12वीं पास छात्र भी बीएड के कोर्स के लिए आवेदन कर सकेंगे। चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम के लिए नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने अपनी मुहर लगा दी है। नए पाठ्यक्रम का गजट जारी होने के साथ ही इसकी नियमावली भी तैयार हो चुकी है।

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एनसीटीई द्वारा इस नए पाठ्यक्रम को मान्यता देने के बाद अब छात्र पांच के बजाय चार वर्ष में बीएड की डिग्री प्राप्त कर सकेंगे। अभी तक स्नातक के बाद बीएड में दाखिला होता है। यह पाठ्यक्रम दो वर्ष का होता है। स्नातक की तीन वर्ष की पढ़ाई के बाद इस डिग्री के लिए पांच साल लगते थे। जबकि 12वीं के बाद बीएड करने से छात्रों का एक साल बचेगा। नई व्यवस्था सत्र 2020-21 से लागू होने की संभावना है।

स्नातक व स्नातकोत्तर कॉलेजों को मिलेगी मान्यता

बीएड के चार वर्षीय पाठ्यक्रम की मान्यता केवल उन्हीं कॉलेजों को मिलेगी जिनमें कला, विज्ञान अथवा कॉमर्स में स्नातक अथवा स्नातकोत्तर की पढ़ाई हो रही हो।

सेमेस्टर सिस्टम से पढ़ाई, 250 दिन लगेंगी कक्षाएं

बीएड के नए पाठ्यक्रम में छात्र सेमेस्टर सिस्टम से पढ़ाई करेंगे। प्रत्येक सेमेस्टर में 125 दिन यानि साल में 250 दिन कक्षाएं लगेंगी। अभी साल में 200 दिन पढ़ाई होती है। इसके अलावा हफ्ते में 40 घंटे कक्षाएं अनिवार्य रहेंगी।

80 फीसद उपस्थिति जरूरी

छात्रों की कक्षाओं में 80 फीसद व इंटर्नशिप में 90 फीसद उपस्थिति अनिवार्य रखी गई है। इसके अलावा इस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए 12वीं में 50 फीसद अंक जरूरी हैं।

प्रदेश के दो हजार बीएड कॉलेज

प्रदेश में 2000 बीएड कॉलेज हैं जिनमें 1.46 लाख सीटें हैं। इनमें छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से संबद्ध 200 बीएड कॉलेज हैं, जिनमें 25 हजार सीटें हैं। उप्र स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने बताया कि इस पाठ्यक्रम को कॉलेजों में लागू करने के लिए एनओसी, मान्यता, संबद्धता, विश्वविद्यालय नियमावली में इस पाठ्यक्रम को शामिल करने समेत अन्य चरणों से गुजरना होगा। इसमें कम से कम एक वर्ष का समय लगेगा।


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