संस्कृत संस्थान और बेसिक शिक्षा के बीच करार, प्राथमिक विद्यालयों में देवभाषा पर रहेगा जोर
उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के अध्य्क्ष डॉ. वाचस्पति मिश्र ने दयानंद गल्र्स पीजी कॉलेज में आयोजित संगोष्ठी में जानकारी दी।
कानपुर, जेएनएन। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को देवभाषा सिखाने के लिए कवायद शुरू हो गई है। अब बच्चों को फर्राटेदार संस्कृत बोलना सिखाया जाएगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान और बेसिक शिक्षा विभाग के बीच करार हुआ है। इस जानकारी के साथ उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के अध्य्क्ष डॉ. वाचस्पति मिश्र ने बताया कि संस्कृत संस्थान द्वारा प्रदेश के 53 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में 100-100 शिक्षकों के बैच को प्रशिक्षित किया जा चुका है। हर विद्यालय के शिक्षक को बच्चों को संस्कृत कैसे पढ़ानी है, इस विषय में संस्कृत संस्थान के विशेषज्ञ प्रशिक्षित कर रहे हैं।
मंगलवार को सिविल लाइन्स स्थित दयानंद गल्र्स पीजी कॉलेज में आयोजित संगोष्ठी में डॉ. वाचस्पति मिश्र ने कहा कि बच्चों को अंग्रेजी के कुछ गिने-चुने वाक्य बहुत जल्दी सिखा देते हैं। लेकिन हमारे देश की सबसे सरल भाषा है- संस्कृत, उसे सिखाने से परहेज करते हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों की ओर रुख किया है। छोटी कक्षाओं से ही बच्चे देवभाषा को सीखना शुरू कर दें। संस्कृत से संबद्ध माध्यमिक विद्यालयों में बदहाली को लेकर भी उन्होंने चिंता व्यक्त की। कहा, जल्द इन विद्यालयों में भी छात्र-संख्या अच्छी हो, इस दिशा में संस्कृत संस्थान प्रयास शुरू करेगा।