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कानपुर में छोटी हो गई मेट्रो, अब छह की जगह होंगे सिर्फ तीन कोच Kanpur News

बजट कम होने से 26 से घटाकर 16 मेट्रो ट्रेनें चलाने की तैयारी।

By AbhishekEdited By: Published: Sat, 10 Aug 2019 05:11 PM (IST)Updated: Sat, 10 Aug 2019 05:11 PM (IST)
कानपुर में छोटी हो गई मेट्रो, अब छह की जगह होंगे सिर्फ तीन कोच Kanpur News
कानपुर में छोटी हो गई मेट्रो, अब छह की जगह होंगे सिर्फ तीन कोच Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। शहर में मेट्रो चलेगी, यह खबर उत्साहित तो करती है लेकिन, अब जो जानकारी आई है उससे शायद आपका दिल छोटा हो सकता है। दरअसल, मेट्रो प्रोजेक्ट के बजट पर कैंची चलाने में अब ट्रेन की साइज भी छोटी हो गई है। पहले जहां छह कोच की मेट्रो चलाने का प्रस्ताव था, अब तीन कोच की चलेगी। यही नहीं, 26 की जगह 16 ट्रेनें चलने की बात कही जा रही है। मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए शहर में लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन के किए गए सर्वे में जिस तरह से बड़ी यात्री संख्या को देखते हुए खाका खींचा गया, उसकी तुलना में मेट्रो का मौजूदा स्वरूप सीमित ही दिखाई पड़ रहा है। यह शहर की एक तिहाई जरूरत भी पूरा नहीं कर पाएगी।

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कानपुर मेट्रो के लिए सपा सरकार में मंजूरी दी गई थी। इसके बाद इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की गई। मेट्रो के दो रूट तैयार किए गए। एक रूट आइआइटी से नौबस्ता तक और दूसरा चंद्रशेखर आजाद विश्वविद्यालय से बर्रा-8 तक तय किया गया। इन दोनों रूट के लिए मेट्रो कारपोरेशन ने 18308 करोड़ रुपये की डीपीआर बनाई थी जिसमें 26 ट्रेनें हर घंटे दोनों रूट पर प्रस्तावित की गई थीं।

यह ट्रेनें छह कोच की प्रस्तावित थीं। मगर, इतने बड़े बजट के कारण आखिरकार यह पूरी डीपीआर संशोधित करनी पड़ी। कई समझौते करने पड़े। ट्रेनों की संख्या घटाकर 16 कर दी गई। फिर कोचों की संख्या भी घटाकर छह से तीन कर दी गई। बजट में एक तिहाई कटौती के बाद कई संशोधन के साथ डीपीआर को मंजूरी मिल गई। हालांकि, इस कटौती से मेट्रो यात्रा के इच्छुक लोगों को करारा झटका लगा है।

यह थी सर्वे की रिपोर्ट

कारपोरेशन ने जो सर्वे कराया है, उसके अनुसार अगर मास ट्रांजिट रैपिड सिस्टम (एमटीआरएस) शहर को मिलता है तो 2024 में रोज 9.44 लाख यात्री मेट्रो को मिल सकेंगे। सर्वे में लगाया गया यह अनुमान काफी हद तक सही भी है। क्योंकि कार, दो पहिया वाहनों, आटो, बस, टेंपो और ई रिक्शा से रोज 38.74 लाख यात्री आवागमन होता है। इसमें 33 लाख से अधिक आवागमन दो पहिया और बस-टेंपो के जरिए होता है। ऐसे हालात में प्रतिदिन 9.44 लाख यात्रियों का आवागमन बड़ा अनुमान नहीं है। मगर, बजट कटौती के बाद जो तैयारी है, उससे कानपुर मेट्रो ऊंट के मुंह में जीरा ही साबित होने वाली है।

बस-टेंपो यात्रियों को मिलती सबसे ज्यादा राहत

यात्रियों के अनुमान के अनुसार अगर मेट्रो चलाई जाती तो सबसे अधिक राहत बस और टेंपो के यात्रियों को मिलती। सर्वे के अनुसार भी इसमें यात्रा करने वाले 14 लाख से अधिक यात्रियों में से आधे मेट्रो से सफर करते। मेट्रो कारपोरेशन के मुख्य परियोजना प्रबंधक अरविंद सिंह का कहना है कि एक ट्रेन में तीन कोच होंगे। शुरुआत में यात्रियों की संख्या देखी जाएगी, उसी अनुरूप आगे इंतजाम किए जाएंगे।

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