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अब हाथों से बने उत्पाद खरीदने को नहीं पड़ेगा भटकना, ऑनलाइन बुक करते ही पहुंच जाएंगे आपके घर Kanpur News

ऑनलाइन कंपनी की तर्ज पर बनेगा सरकारी ई-कॉमर्स पोर्टल यूपिका व हैंडलूम को भी मिल जाएगी संजीवनी।

By AbhishekEdited By: Published: Fri, 22 Nov 2019 12:27 PM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 01:44 PM (IST)
अब हाथों से बने उत्पाद खरीदने को नहीं पड़ेगा भटकना, ऑनलाइन बुक करते ही पहुंच जाएंगे आपके घर Kanpur News
अब हाथों से बने उत्पाद खरीदने को नहीं पड़ेगा भटकना, ऑनलाइन बुक करते ही पहुंच जाएंगे आपके घर Kanpur News

कानपुर, [श्रीनारायण मिश्र]। उत्तर प्रदेश उद्योग विभाग एक अभिनव प्रयोग करने जा रहा है। अमेजन और स्नैपडील की तर्ज पर वह अपना ई-कॉमर्स पोर्टल बना रहा है। जो विशुद्ध पेशेवर अंदाज में काम करेगा। इससे पूरे देश में यूपी में हाथों से बनने वाले अनूठे उत्पादों की होम डिलीवरी की जाएगी। जिन्हें तलाशने के लिए लोगों को हस्तशिल्प मेले जाना पड़ता है या संबंधित शहरों में। इससे हस्तशिल्पियों को बाजार मिलेगा ही बंदी की कगार पर खड़े यूपिका और यूपी हैंडलूम को भी संजीवनी मिल जाएगी।

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पोर्टल तीन माह में हो जाएगा शुरू

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग की यह पहल पूरे देश में अनूठी है। यह तीन माह में शुरू हो जाएगा। निदेशक उद्योग गौरव दयाल ने यह पूरी योजना ऐसे बनाई है, जिससे यूपिका और यूपी हैंडलूम की संपत्तियों का इस्तेमाल भी हो सकेगा और कर्मचारियों को काम भी मिल जाएगा। इससे उनके वेतन का संकट भी खत्म होगा। गौरव दयाल बताते हैं कि ई कॉमर्स पोर्टल बनाने व संचालन के लिए यूपी ट्रेड प्रमोशन अथॉरिटी विशेषज्ञ हायर करेगी। एक्सपोर्ट लाइसेंस भी लिया जा रहा है। पोर्टल का आक्रामक प्रचार मीडिया के सभी माध्यमों से होगा। एक बार यह पोर्टल सफल हो गया तो प्रदेश के हस्तशिल्पियों की आर्थिक स्थिति सुधर जाएगी। पोर्टल शुरू करने में महज पांच-छह लाख का खर्च है। बाकी संसाधन यूपिका व यूपी हैंडलूम के रहेंगे। इसके बाद यह योजना खुद ही अपना खर्च उठाएगी।

इन उत्पादों की है अच्छी डिमांड

कानपुर के चमड़ा उत्पाद, कुशीनगर में केले के रेशे से बने उत्पाद, गोरखपुरी टेराकोटा के बर्तन, झांसी के सॉफ्ट खिलौने, बाराबंकी का स्टोल, भदोही, सोनभद्र और मिर्जापुर के कालीन, हाथरस की हींग, वाराणसी के सिल्क उत्पाद, गाजीपुर के जुट वॉल हैंगिंग्स, लखनवी चिकन, कन्नौज का इत्र आदि।

ऐसे होगा काम

-पोर्टल निर्माण से लेकर संचालन तक करेंगे निजी विशेषज्ञ

-होम डिलीवरी का काम करेंगी निजी एजेंसियां

-यूपिका, यूपी हैंडलूम के शोरूम करेंगे स्टोर का काम

-जिला उद्योग केंद्रों में भी बन सकते हैं स्टोर

-उत्पादों की शुद्धता और गुणवत्ता जांचेगा उद्योग विभाग

-तय समय सीमा में उत्पाद वापस भी लिए जाएंगे

-पोर्टल की सोशल मीडिया पर भी होगी आक्रामक मार्केटिंग

यह होंगे फायदे

-एक पोर्टल की ब्रांडिंग से ही हो जाएगा सभी हस्तशिल्प का प्रचार

-ऑनलाइन ग्राहक नकली सामान के नाम पर ठगे जाने से बचेंगे

-हर उत्पाद की गुणवत्ता व शुद्धता का जिम्मेदार उद्योग विभाग होगा

-हस्तशिल्पियों को अच्छी कीमत और ग्राहकों को मिलेगा सस्ता सामान 


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