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आइआइटी में अब फ्लिप क्लास रूम, जानें- छात्र-छात्राएं कैसे करेंगे पढ़ाई

आइआइटी कानपुर में पहली सितंबर से नया सत्र शुरू होगा इसमें बीटेक के दूसरे तीसरे और अंतिम वर्ष के छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई कराने की तैयारी की गई है।

By Edited By: Published: Thu, 20 Aug 2020 08:16 PM (IST)Updated: Fri, 21 Aug 2020 09:27 AM (IST)
आइआइटी में अब फ्लिप क्लास रूम, जानें- छात्र-छात्राएं कैसे करेंगे पढ़ाई
आइआइटी में अब फ्लिप क्लास रूम, जानें- छात्र-छात्राएं कैसे करेंगे पढ़ाई

कानपुर, जेएनएन। अब आइआइटी कानपुर के छात्र फ्लिप क्लास रूम के माध्यम से आॅनलाइन पढ़ाई करेंगे। इसमें उन्हें वीडियो, ऑडियो या दूसरे डिजिटल मोड पर दी गई पाठ्य सामग्री कितनी समझ में आई, कितनी नहीं और कहां पर दिक्कत है, इसका भी पता चल सकेगा। क्लास रूम ऑफलाइन और डिस्कशन को ऑनलाइन मोड पर रखा गया है।

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विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर और अन्य फैकल्टी हर हफ्ते वीडियो अपलोड करेंगे, जबकि टाइम टेबल के मुताबिक कक्षाएं लगेंगी। प्रोफेसर छात्रों से संबंधित विषय पर चर्चा कर सकेंगे। उनसे बीच में ही सवाल और क्विज किए जाएंगे। इससे पता चल जाएगा कि छात्र ने वीडियो या लेक्चर को देखा है या नहीं। इससे उसकी समस्याओं को हल करना भी आसान होगा। छात्र भी डिजिटल कंटेंट को ठीक ढंग से पढ़ सकेंगे। संस्थान में एक सितंबर से नया सत्र शुरू हो रहा है। बीटेक प्रथम वर्ष को छोड़कर दूसरे, तीसरे और चौथे साल के छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई कराई जाएगी।

मूकइट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल

ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मूकइट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाएगा, जिसे कंप्यूटर साइंस इंजीनियङ्क्षरग के प्रो. टीवी प्रभाकर ने विकसित किया है। इसको संचालित करने, लेक्चर व पाठ्य सामग्री अपलोड करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

क्या है फ्लिप क्लास रूम

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के प्रो. अंकुश शुक्ला ने बताया कि फ्लिप क्लास रूम में छात्रों को हर हफ्ते प्रत्येक विषय के वीडियो दिए जाएंगे, जबकि अकादमिक कैलेंडर के मुताबिक, निर्धारित क्लास वाले दिन ऑनलाइन डिस्कशन होगा। इसमें क्विज व परीक्षाएं भी आयोजित हो सकेंगी।

मिड सेमेस्टर कभी भी

ऑनलाइन पढ़ाई में मिड सेमेस्टर के लिए कोई तारीख निर्धारित नहीं की गई है। विभाग और फैकल्टी अपने मुताबिक, अक्टूबर में किसी भी दिन परीक्षा ले सकेंगे।

  • नए सत्र की तैयारियां चल रही हैं। छात्रों को ऑनलाइन लेक्चर और डिजिटल कंटेंट मुहैया कराए जाएंगे। मीडिया लैब में लेक्चर की रिकार्डिंग हो रही है। फ्लिप क्लास रूम से व्यवस्था बेहतर रहेगी। -प्रो. एस गणेश, उप निदेशक आइआइटी कानपुर।

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