भाजपा में अब अध्यक्षी के लिए स्वप्निल और राजा में जंग, राजनीतिक दिग्गज बिछाने लगे अपने प्यादे
स्वप्निल वरुण जहां गिरसी सीट से जीती हैं वहीं राजा दिवाकर राधन सीट से। पार्टी में दोनों के शुभचिंतकों ने क्षेत्रीय कार्यालय से लेकर प्रदेश कार्यालय तक चक्कर काटने शुरू कर दिए हैं। इस राजनीति में ग्रामीण क्षेत्र की विधानसभा सीटों से जुड़े विधायकों ने भी गोटियां बैठानी शुरू की
कानपुर, जेएनएन। दूसरों से लड़कर जीतने के बाद अब जिला पंचायत की अध्यक्ष पद की सीट के लिए भाजपा में स्वप्निल वरुण और राजा दिवाकर के बीच जंग शुरू हो गई है। दोनों के शुभचिंतक अपनी-अपनी तरह से नेताओं से उनके नामों की पैरवी करने में जुट गए हैं। एक तरफ जहां कोरोना काल चल रहा है वहीं भाजपा के विधायक इसके लिए गुटबंदी करते नजर आ रहे हैं।
32 सदस्यीय कानपुर जिला पंचायत में भारतीय जनता पार्टी हालांकि अपनी उम्मीद के आसपास भी सीटें नहीं जीत सकी लेकिन पार्टी जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए अपनी दावेदारी को नहीं छोडऩा चाहती। अध्यक्ष पद पर जीत हासिल करने के लिए 17 वोट चाहिए होंगे। फिलहाल किसी दल के पास 17 वोट अकेले नहीं हैं। भाजपा अपने नौ सदस्यों के साथ छह निर्दलीय और निषाद पार्टी की सोमवती निषाद के भरोसे चुनाव मैदान में उतरने का मन बना रही है। पार्टी के पास इस समय जिला पंचायत अध्यक्ष का आरक्षण देखते हुए पूर्व मंत्री स्वर्गीय कमल रानी वरुण की बेटी स्वप्निल वरुण का नाम है और इसके अलावा राजा दिवाकर हैं।
स्वप्निल वरुण जहां गिरसी सीट से जीती हैं वहीं राजा दिवाकर राधन सीट से। पार्टी में दोनों के शुभचिंतकों ने क्षेत्रीय कार्यालय से लेकर प्रदेश कार्यालय तक चक्कर काटने शुरू कर दिए हैं। इस राजनीति में ग्रामीण क्षेत्र की विधानसभा सीटों से जुड़े विधायकों ने भी अपनी गोटियां बैठानी शुरू कर दी हैं। इसके लिए बैठकें भी शुरू हो गई हैं। इसमें एक सांसद एक तरफ हैं तो उनकी संसदीय सीट में ही आने वाली विधानसभा क्षेत्र से जुटे विधायक दूसरी तरफ।
पार्टी में इस समय इन दोनों के अलावा कल्याणपुर से नेहा निषाद, सचेंडी से कमला सिंह चौहान, मालौ से अश्विनी दीक्षित, कसिगवां से अदिति राजपूत, बीरनखेड़ा से संतोष कश्यप, सिकठिया से कमलेश कुमार निषाद, पाली भोगीपुर से रवि राज वर्मा ही सदस्य हैं। पार्टी को आठ और सदस्य चाहिए। इसके लिए जो भी प्रत्याशी बनेगा उसे बाकी सदस्य जुटाने के लिए काफी मेहनत करनी होगी।