तृणमूल कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सदस्य को नोटिस, ईओडब्ल्यू ने चंडीगढ़ और दिल्ली में खंगाले दस्तावेज
एल केमिस्ट कंपनियों में एक हजार करोड़ रुपये जमा कराकर ठगी करने का आरोप है कानपुर के श्याम नगर में रहने वाले पवन मिश्रा ने कंपनी के छह निदेशकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था जिसकी जांच ईओडब्लू कर रही है।
कानपुर, जेएनएन। एल केमिस्ट कंपनी में निवेश के नाम पर हजारों करोड़ रुपये की ठगी करने के आरोपित पूर्व राज्यसभा सदस्य केडी सिंह को शनिवार को ईओडब्ल्यू टीम ने नोटिस तामील कराया है। केडी सिंह तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पूर्व राज्यसभा सदस्य हैं। उनकी कंपनी के छह निदेशकों के खिलाफ पिछले साल कानपुर के श्यामनगर निवासी पवन मिश्रा ने कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था।
आरोप है कि केडी सिंह ने अपनी कंपनी एल केमिस्ट इंफ्रा रियलिटी लिमिटेड व एल केमिस्ट टाउनशिप लिमिटेड का वर्ष 2010 में मालरोड पर दफ्तर खोलकर एक हजार करोड़ रुपये निवेश कराए थे। वह खुद कंपनी के चेयरमैन हैं, लिहाजा उन्हें मुख्य आरोपित बनाया था। मामले की विवेचना सितंबर 2020 में आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) को स्थानांतरित हुई थी।
विवेचक ईओडब्ल्यू के डिप्टी एसपी अमरनाथ ने बताया कि वह टीम के साथ चंडीगढ़ के राजीव चौक आइसीटीसी स्थित कंपनी के हेड ऑफिस गए थे। दफ्तर में केयर टेकर समेत चार लोग मिले। उन्होंने पूर्व राज्यसभा सदस्य और निदेशकों को लेकर कोई जानकारी नहीं दी। उन्हें नोटिस दिया गया। इस बीच उनके एक लीगल एडवाइजर ने एक सप्ताह में केडी सिंह को कानपुर लाकर बयान दर्ज कराने का भरोसा दिलाया है। इसके बाद दिल्ली के नेहरू प्लेस में हेमकुंड टॉवर स्थित कंपनी के रीजनल दफ्तर और तुगलक रोड स्थित बंगले पर भी नोटिस तामील कराया गया।
मुकदमे में ये भी हैं आरोपित
मुकदमे में केडी सिंह के साथ ही कंपनी के निदेशक सतेंद्र कुमार सिंह, सुचेता खेमका, जयश्री प्रकाश, बृजमोहन महाजन, छत्रसाल सिंह उर्फ नरेंद्र सिंह व नंद किशोर सिंह भी नामजद हैं। आरोपितों ने निवेशकों को जमा रकम पर 18 फीसद ब्याज या रकम के बदले जमीन देने का भी विकल्प दिया था। झांसे में आकर शहर के करीब 10 हजार लोगों ने एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा पैसा निवेश किया था। अब तक ईओडब्ल्यू सौ से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है।