कबरई कांड: 30 दिन में अब तक तय न हो पाया, क्रशर कारोबारी की हत्या थी या आत्महत्या
केवल दो आरोपित ही पकड़े जा सके जांच भी आधी-अधूरी एसआइटी ने करीब आठ दिन जिले में रहकर छानबीन और पूछताछ की थी कांफ्रेंस करके कहा गया कि इंद्रकांत की हत्या नहीं हुई लेकिन आत्महत्या मानने से भी इन्कार कर दिया
महोबा, जेएनएन। क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी को गोली लगने की घटना को एक माह बीत चुका है लेकिन इन 30 दिनों में पुलिस तीन कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है। आधी-अधूरी जांच के बीच महज दो आरोपित ही पकड़े जा सके हैं। वहीं हत्या से इन्कार कर पुलिस आत्महत्या की बात भी स्वीकार नहीं कर रही है। फिलहाल कारोबारी के स्वजन को न्याय की दरकार है।
बीती आठ सितंबर को इंद्रकांत को गोली लगी थी। इसके एक दिन पूर्व ऑडियो-वीडियो जारी होने के बाद पुलिस महकमे के साथ ही व्यापारियों में भी खलबली मच गई थी। प्रकरण में आठ सितंबर को जानलेवा हमले, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित अन्य धाराओं में तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार, तत्कालीन एसएचओ देवेंद्र शुक्ला, सुरेश सोनी, ब्रह्मदत्त तिवारी सहित कुछ अज्ञात पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद 13 सितंबर को कानपुर में व्यापारी की मौत के बाद यह मामला हत्या में तरमीम हुआ और अब आइजी के अनुसार यह मामला धारा 306 (आत्महत्या के लिए प्रेरित करना) में परिवर्तित किया जा चुका है।
एसआइटी ने करीब आठ दिन जिले में रहकर छानबीन और पूछताछ की थी। बाद में कांफ्रेंस करके कहा गया कि इंद्रकांत की हत्या नहीं हुई लेकिन आत्महत्या मानने से भी इन्कार कर दिया। प्रकरण में अब भी रहस्य बरकरार है कि व्यापारी की हत्या हुई या उन्होंने आत्महत्या की। मामला आत्महत्या को प्रेरित करने की धारा में परिवर्तित हुआ लेकिन जिम्मेदार यह कहने से कतरा रहे हैं कि व्यापारी ने आत्महत्या की है। अब जांच रेंज एसआइटी संभाले है और प्रकरण से जुड़े लोगों को कबरई थाने बुलाकर 30 सितंबर से पूछताछ की प्रक्रिया में लगी है। अब तक कार्रवाई किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। मामले की विवेचना कर रहे सीओ कालू सिंह का कहना है कि केस से संबंधित लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है। एसपी अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए आठ पुलिस टीमें लगी हैं।