कानपुर में स्वास्थ्य विभाग नहीं मान रहा कोई मानक, दूसरी लहर में इसी वजह से गई थी कई लोगों की जान
जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल में पांच आक्सीजन जनरेशन प्लांट लगने हैं। इनमें से मेटरनिटी wing का ही प्लांट शुरू हुआ है। पीएम केयर फंड से इमरजेंसी में डीआरडीओ का प्लांट लगा है लेकिन आक्सीजन पाइप लाइन से नहीं जोड़ा जा सका है
कानपुर, जेएनएन। कोरोना महामारी की तीसरी लहर अगस्त अंत तक आने की संभावना है। कुछ राज्यों में कोरोना के केस बढऩे की बात कही जा रही है। इसके बावजूद एलएलआर अस्पताल, उर्सला व कांशीराम अस्पताल में आक्सीजन जनरेशन प्लांट शुरू नहीं हो सके हैं, जबकि इन्हेंं 15 अगस्त तक क्रियाशील किया जाना था।
जीएसवीएम में सिर्फ एक प्लांट शुरू : जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल में पांच आक्सीजन जनरेशन प्लांट लगने हैं। इनमें से मेटरनिटी wing का ही प्लांट शुरू हुआ है। पीएम केयर फंड से इमरजेंसी में डीआरडीओ का प्लांट लगा है, लेकिन आक्सीजन पाइप लाइन से नहीं जोड़ा जा सका है। न्यूरो साइंस सेंटर का प्लांट शासन से अभी तक नहीं आया है। मेडिसिन विभाग की तरफ आक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाने के लिए महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा से अनुमति मांगी गई है। इसी तरह एलएलआर के मुरारी लाल चेस्ट में भी प्लांट लगाने की कवायद शुरू नहीं हुई है। प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या का कहना है कि सभी प्लांट का कार्य तेजी से चल रहा है।
उर्सला व कांशीराम में तेजी से कार्य : उर्सला अस्पताल के इनडोर ब्लाक में दूसरा आक्सीजन जनरेशन प्लांट लग चुका है। उसका फिलहाल ट्रायल चल रहा है। चिकित्सा अधीक्षक डा. एके सिंह का कहना है कि जल्द ही इसे चालू किया जाएगा। इसी तरह कांशीराम अस्पताल में आक्सीजन जनरेशन प्लांट का टैंकर आ गया है। सीएमएस डा. दिनेश सचान का कहना है कि जनरेशन प्लांट की मशीन भी आने वाली है।
बिल्हौर और घाटमपुर में तैयारी : बिल्हौर सीएचसी में 50 बेड के कोविड हास्पिटल के लिए आक्सीजन जनरेशन प्लांट आ गया है। प्लेटफार्म भी तैयार है। प्लांट असेंबल होते ही उसका ट्रायल शुरू किया जाएगा। इसी तरह घाटमपुर में भी प्लांट के लिए प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है।