रिंग रोड के लिए पर्यावरण मंत्रालय से एनओसी लेने की तैयारी, इसी साल शिलान्यास के संकेत
कानपुर में 93 किलोमीटर लंबी आउटर रिंग रोड के लिए कंसलटेंट ने भूमि का सर्वे शुरू किया है अक्टूबर तक डीपीआर तैयार किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री की वर्चुअल मीटिंग में इसी साल शिलान्यास कराने के संकेत मिले हैं ।
कानपुर, जेएनएन। 93 किलोमीटर लंबी आउटर रिंग रोड की स्थापना की प्रक्रिया तेज हो गई है। कंसलटेंट ने कृषि योग्य, आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक भूमि का सर्वे शुरू कर दिया है। इसमें विभिन्न विभागों और ग्राम समाज की भूमि का भी सर्वे होगा। इसके बाद मुआवजे का निर्धारण किया जाएगा। प्रयास है कि अक्टूबर तक डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर भूतल एवं परिवहन मंत्रालय को भेज दी जाए। सर्वे होते ही पर्यावरण मंत्रालय से भी प्रोजेक्ट के लिए एनओसी ले ली जाएगी। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने एनएचएआइ के परियोजना निदेशक के साथ वर्चुअल मीटिंग में प्रोजेक्ट की समीक्षा की और जल्द से जल्द डीपीआर बनाने व अन्य जरूरी प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहा। उप मुख्यमंत्री ने अक्टूबर में शिलान्यास कराने की बात कही, लेकिन उन्हें बताया गया कि जरूरी प्रक्रियाएं पूरी नहीं हो सकेंगी तो उन्हें साल के अंत तक के लिए इसे आगे बढ़ा दिया।
रिंग रोड की स्थापना से शहर को जाम से मुक्ति मिलेगी। पहले 105 किमी लंबा रिंग रोड बनना था बाद में इसकी लंबाई 93 किलोमीटर कर दी गई। मंडलायुक्त ने परियोजना निदेशक पंकज मिश्रा और समग्र विकास समिति के समन्वयक नीरज श्रीवास्तव समेत 20 अधिक अधिकारियों की समिति बनाई है। यह समिति ही इस प्रोजेक्ट की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करेगी। समिति के सदस्य भी इसके आसपास विकास कार्य के लिए सर्वे कर रहे हैं। चूंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और केंद्रीय परिवहन मंत्री खुद इस प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द धरातल पर लाने को लेकर गंभीर हैं ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि मंत्रालय को जैसे ही डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट भेजी जाएगी जरूरी औपचारिकताओं को पूरा कर उसे मंजूरी मिल जाएगी।
पांच हिस्सों में रिंग रोड को बनाया जाना है
रिंग रोड पांच हिस्सों में बननी है। इसका पहला हिस्सा जीटी रोड पर मंधना के रामनगर से कानपुर- इटावा हाईवे पर सचेंडी तक दूसरा सचेंडी से कानपुर- हमीरपुर हाईवे पर रमईपुर गांव तक , तीसरा हिस्सा रमईपुर से कानपुर- प्रयागराज हाईवे पर रूमा के पास , चौथा हिस्सा रूमा से कानपुर- लखनऊ हाईवे पर आटा के पास तक होगा। इसके बाद आटा से जीटी रोड पर रामनगर के पास तक सड़क पांचवें हिस्से में बनेगी और इसी के किनारे- किनारे टाउनशिप और औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की जाएगी।
ये होना है...
560 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होना है
2609.06 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण पर खर्च होगा।
5182.37 करोड़ रुपये इस प्रोजेक्ट की कुल लागत है।
2573.31 करोड़ रुपये में सड़क के निर्माण का कार्य होगा ।