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संवेदनहीनता की इंतिहा: इलाज मिला न जांच हुई, दो दिन घर में पड़ा रहा सेवानिवृत प्रतिरक्षा कर्मी का शव

क्षेत्रीय लोग चार दिन से सेवानिवृत प्रतिरक्षा कर्मी की देखभाल कर रहे थे मौत होने पर कोरोना के संदेह पर पार्षद की सूचना पर भी प्रशासन नहीं चेता है।

By Edited By: Published: Tue, 09 Jun 2020 01:44 AM (IST)Updated: Tue, 09 Jun 2020 01:10 PM (IST)
संवेदनहीनता की इंतिहा: इलाज मिला न जांच हुई, दो दिन घर में पड़ा रहा सेवानिवृत प्रतिरक्षा कर्मी का शव
संवेदनहीनता की इंतिहा: इलाज मिला न जांच हुई, दो दिन घर में पड़ा रहा सेवानिवृत प्रतिरक्षा कर्मी का शव

कानपुर, जेएनएन। प्रशासनिक संवेदनहीनता की इंतिहा देखिए, जिले में जब कोरोना कहर बरपा रहा है तब भी स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी-कर्मचारी इलाज एवं जांच के नाम पर खानापूरी करने में जुटे हैं। विश्वबैंक बर्रा निवासी बीमार सेवानिवृत्त प्रतिरक्षा कर्मचारी को जीते जी न तो इलाज मुहैया कराया गया और न ही कोरोना जांच हुई। मौत के बाद भी उनकी जांच नहीं हुई बल्कि पार्षद ने महापौर से शिकायत की तो उन्हें भी शव पोस्टमार्टम हाउस भिजवाने को कह दिया गया, सोमवार सुबह से शव घर पर ही पड़ा है।

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पार्षद सुधा एवं उनके पति जितेंद्र सचान ने बताया कि बर्रा विश्वबैंक कॉलोनी में आर्डिनेंस फैक्ट्री से सेवानिवृत्त 71 वर्षीय कर्मचारी अकेले रहते थे। उन्हें चार दिन से बुखार और सांस लेने में तकलीफ थी। इस पर रविवार को सीएमओ डॉ.अशोक शुक्ला को फोन कर एंबुलेंस भेजकर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने का आग्रह किया था। रविवार दोपहर 2 बजे आशा और एएनएम आईं और पूछताछ करके चली गईं।

इलाज मिला न एंबुलेंस आई। रात में उनकी तबीयत अधिक खराब हो गई और सोमवार सुबह पांच बजे उन्होंने दम तोड़ दिया। पार्षद का कहना है कि मौत के बाद सीएमओ को फिर फोन करके कोरोना जांच का आग्रह किया। सूचना पर चौकी इंचार्ज भी आए, लेकिन शाम तक स्वास्थ्य की टीम नहीं आई। पार्षद ने जब महापौर से शिकायत की तो उन्होंने सीएमओ से संपर्क किया। सीएमओ ने उनसे कहा, शव पोस्टमार्टम हाउस भेज दीजिए, वहां कोरोना टेस्ट करा देंगे।

महंगा आता है, बैग भिजवा देंगे

पार्षद का आरोप है कि सीएमओ ने कहा कि शव पैक करने वाला बैग महंगा आता है। पार्षदजी का मामला है, इसलिए बैग भिजवा देंगे, ताकि शव को पैक कराया जा सके। सेवा करने वाले सहमे बुजुर्ग यहां अकेले रहते थे। क्षेत्र के लोग चार दिन से उनकी देखभाल कर रहे थे। उन्हें डर है कि कहीं वह कोरोना संक्रमित न हों, इसलिए जांच जरूरी है। सोमवार सुबह पड़ोसी उन्हें चाय देने गए तो वह घर में मृत मिले थे।


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