ये कैसी स्मार्ट सिटी बनाने की तैयारी, मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही जनता
खतरनाक मैनहोल व लटकते जर्जर खंभों के बीच से गुजरते हैं लोग
जागरण संवाददाता, कानपुर: सुविधाओं की दरकती नींव पर स्मार्ट सिटी की बुलंद इमारत के सपने गढ़े जा रहे हैं। इंदौर, सूरत, हैदराबाद की तर्ज पर शहर को स्मार्ट बनाने की तैयारी है लेकिन जरूरी सुविधाएं ही नदारद हैं। खुले मैनहोल, जर्जर सड़कें, लटकते तार अफसरों को आईना दिखाने के लिए काफी हैं।
स्मार्ट सिटी बनाने के लिए 23 अरब रुपये की योजना बनायी गयी है लेकिन मूलभूत सुविधाएं ही जनता को नहीं मिल पा रही हैं। जब ये ही नहीं होंगी तो आधुनिक शहर होने से फायदा भी क्या होगा। हालात ये हैं कि शहर में विभिन्न स्थानों पर खुले और टूटे मैनहोल मौत को दावत दे रहे हैं। जीटी रोड में झकरकटी पुल पर चढ़ने से पहले मैनहोल का ढक्कन टूटा पड़ा है। वाहन सवार इसका शिकार न हो इसके लिए आसपास के लोगों ने लाल झंडी लगा दी है। कोपरगंज में भी खुले मैनहोल का ढक्कन से बचाने के लिए बांस रखा गया है। गांधीनगर में मेनहोल टूट गया है। बच्चों के गिरने का डर लगा रहता है। इस संबंध में महापौर प्रमिला पांडेय ने कहा कि स्मार्ट सिटी के कामों की अफसरों के साथ समीक्षा करूंगी। टूटे व धंसे मैनहोल ठीक कराने के साथ ही जर्जर खंभों को ठीक कराया जाएगा।
लटकते खंभे बन सकते हैं जानलेवा
बर्रा, विकास नगर, सर्वोदय नगर, गोविंद नगर, पटेल नगर समेत कई इलाकों में जर्जर व लटकते खंभे कभी भी हादसे का सबब बन सकते हैं। इसे लेकर केस्को व नगर निगम एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाकर बस पल्ला झाड़ ले रहे हैं।
स्मार्ट सिटी में ये हो रहे काम
- छह ओपेन जिम बन रहे है इसमें एक कारगिल पार्क मोतीझील वाला शुरू हो गया है।
- छह आधुनिक कूड़ाघरों का निर्माण चल रहा है। हालांकि अभी शहर में दो हजार से ज्यादा मीट्रिक टन कूड़े के ढेर लगे हुए हैं।
- कमांड कंट्रोल सेंटर का निर्माण कराने की तैयारी की जा रही है।