Mission Namami Gange : गंगा ही नहीं सहायक नदियों पर भी केंद्रित होगा एनएमसीजी का नया एक्शन प्लान
सीएसए में नेशनल गंगा काउंसिल की बैठक में प्रधानमंत्री घोषणा कर सकते हैं।
कानपुर, जेएनएन। गंगा स्वच्छता के लिए सरकार जो नया एक्शन प्लान तैयार करने जा रही है, वह तीन से चार या पंचवर्षीय योजना तक हो सकती है। गंगा की सहायक नदियों को साफ करने पर ज्यादा फोकस होगा। निरंतर प्रवाह पर काम किया जाएगा। नेशनल गंगा क्लीन मिशन (एनएमसीजी) गंगा एक्शन प्लान का प्रस्तुतीकरण प्रधानमंत्री के सामने करेगा।
माना जा रहा है कि चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेशनल गंगा काउंसिल की बैठक में नमामि गंगे के अगले चरण और नए एक्शन प्लान की घोषणा कर सकते हैं। एनएमसीजी के सूत्रों के अनुसार इस बार गंगा एक्शन प्लान में सहायक नदियों पर भी फोकस किया गया है। गंगा के स्वच्छ होने के साथ ही सहायक नदियां साफ हो जाएंगी तो गंगा निर्मल हो जाएगी। नमामि गंगे के तहत गंगा को स्वच्छ करने का काम तेजी से चल रहा है। गंगा एक्शन प्लान 15 साल के हिसाब से तैयार किया जा रहा है।
इसमें पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) का सहयोग लिया जाएगा। प्रोजेक्ट 27 से 30 हजार करोड़ रुपये तक का हो सकता है। यह भी फोकस किया जा रहा है कि नवंबर से फरवरी के बीच में गंगा में जल कम होता है, इसको बढ़ाने की तैयारी है। इसके लिए उत्तराखंड में लखवार बांध, हिमाचल में किशाऊ बांध और रेणुका झील में बांध बनाने का काम चल रहा है। नई कार्ययोजना में गंगा में गंदगी फैलाने के जिम्मेदार से ही सफाई करवाने का प्राविधान करने की तैयारी है।
प्रधानमंत्री के सामने रखे जाने वाले गंगा एक्शन प्लान को लेकर एनएमसीजी के अफसरों ने शुक्रवार को बैठक की। एक-एक बिंदु पर चर्चा की गई। गंगा एक्शन प्लान के बाबत एनएमसीजी के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्र ने कुछ भी बताने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि शनिवार को ही कुछ बता पाएंगे। बैठक के लिए एनएमसीजी के अधिशासी निदेशक प्रोजेक्ट जी अशोक कुमार, अधिशासी निदेशक तकनीकी देव प्रताप माथुरिया, अधिशासी निदेशक वित्त जेपी अग्र्रवाल, उपमहानिदेशक शिशिर कुमार, तकनीकी विशेषज्ञ अवध नरेश गुप्ता आदि अफसर आए हैं।