आतंकियों के कानपुर कनेक्शन पर फिर घूमी एनआइए की जांच
आतंकियों की पनाहगाह रहा है शहर, पहले भी हो चुकी धरपकड़, स्लीपिंग मॉड्यूल्स और टेरर फंडिंग के पुख्ता सुबूत मिलने के बाद से सतर्कता।
By AbhishekEdited By: Published: Thu, 27 Dec 2018 01:43 PM (IST)Updated: Sat, 29 Dec 2018 10:51 AM (IST)
कानपुर [जागरण स्पेशल]। दिल्ली और अमरोहा में आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर एनआइए की जांच कानपुर की तरफ घूम गई है। यहां पहले भी कई आतंकी पकड़े जा चुके हैं। शहर में खुरासान मॉड्यूल की सक्रियता से पहले पाकिस्तानी एजेंट पकड़े गए थे। फिर नक्सली और स्लीपिंग मॉड्यूल की गिरफ्तारी हुई, इसके साथ ही पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठनों के लिए फंड जुटाने वाले मॉड्यूल के सरगना रमेश शाह की जड़ें भी कानपुर परिक्षेत्र में होने के पर्याप्त सुबूत मिले थे।
एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी एजेंट, स्लीपिंग मॉड्यूल्स की गतिविधियों और टेरर फंडिंग के पुख्ता सुबूत मिलने के बाद से शहर पर टीम की निगाह लगी है। सात मार्च 2017 को मध्य प्रदेश भोपाल के जबड़ी रेलवे स्टेशन के पास भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में हुए विस्फोट का मास्टर माइंड गौस मोहम्मद, मो. दानिश व आतिफ जाजमऊ के रहने वाले हैं। मुठभेड़ में मारा गया सैफुल्लाह भी इसी इलाके का था। इनके साथियों में सैयद मीर हुसैन कन्नौज का है तो सिद्धि विनायक मंदिर को बम से उड़ाने की साजिश करने वाला कमरूज्जमां भी यहीं से पकड़ा गया। हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी कमरूज्जमां के सात साथियों के यूपी में पनाह लेने की बात सामने आ रही है। ये सभी लंबे समय से असोम से लापता हैं।
शहर में पकड़े गए दहशतगर्द
- 11 सितंबर 2009 को आइएसआइ एजेंट इम्तियाज सचेंडी से गिरफ्तार।
- 27 सितंबर 2009 को बिठूर से आइएसआइ एजेंट वकास की गिरफ्तारी।
- 18 सितंबर 2011 को रांची निवासी आइएसआइ एजेंट फैसल रहमान उर्फ गुड्डू को एटीएस ने गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान भेजने के आरोप में रेलबाजार से किया गिरफ्तार।
- जुलाई 2012 में सेंट्रल स्टेशन से फिरोज नाम के संदिग्ध की गिरफ्तारी।
- अप्रैल 2014 को पटना में विस्फोट करने वाले एक संदिग्ध को पनकी स्टेशन के पास से एटीएस ने पकड़ा।
- मार्च 2017 में भोपाल में ट्रेन में ब्लास्ट करने वाले आतंकी गिरोह खुरासान मॉड्यूल के तीन आतंकी गिरफ्तार।
आतंकी के साथियों का शहर में कनेक्शन तलाश रही एटीएस
एटीएस टीम संदिग्ध आतंकियों के शहर में ही होने की मिल रही जानकारी को नजरअंदाज न करते हुए लगातार सर्च अभियान जारी रखे है। हालांकि इस बार सब कुछ गोपनीय तरीके से हो रहा है। इसके साथ पुलिस ने होटल, लॉज और मिश्रित आबादी क्षेत्र में सक्रियता बढ़ा दी है। संदिग्ध की पैठ शहर में कहां है और किससे मदद मिल सकती है, इसके लिए टीम ने जाजमऊ, चमनगंज, कल्याणपुर, सचेंडी और बिठूर के लॉज व फार्म हाउस के साथ मुर्गी फार्म और बंद पड़ी टेनरियों पर नजरें गड़ा दी हैं।
काउंसिलिंग वाले युवाओं पर भी नजर
एटीएस की टीम उन पर भी नजर रखे हैं, जहां से मार्च 2017 में पकड़े गए संदिग्ध आतंकी गौस मोहम्मद के ग्रुप से जुड़े लोगों को मदद मिली थी और जिनको काउंसिलिंग के बाद मुख्यधारा में वापस लाया गया था। इसके बाद से एटीएस की टीम शहर के मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों व सुनसान स्थानों पर बने धार्मिक स्थलों पर नजर बनाए है।
नक्सलियों और आतंकियों को सप्लाई होते शस्त्र-कारतूस
शहर से नक्सली व आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों को शस्त्र से लेकर कारतूस तक एजेंटों के माध्यम से मुहैया कराए जा रहे हैं। एटीएस ने चार शस्त्र विक्रेताओं के नक्सली व आंतकियों के गठजोड़ का खुलासा किया था। आतंकी सैफुल्लाह को शस्त्र व कारतूस सप्लाई करने वाले राघवेंद्र से लीड मिली थी।
एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी एजेंट, स्लीपिंग मॉड्यूल्स की गतिविधियों और टेरर फंडिंग के पुख्ता सुबूत मिलने के बाद से शहर पर टीम की निगाह लगी है। सात मार्च 2017 को मध्य प्रदेश भोपाल के जबड़ी रेलवे स्टेशन के पास भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में हुए विस्फोट का मास्टर माइंड गौस मोहम्मद, मो. दानिश व आतिफ जाजमऊ के रहने वाले हैं। मुठभेड़ में मारा गया सैफुल्लाह भी इसी इलाके का था। इनके साथियों में सैयद मीर हुसैन कन्नौज का है तो सिद्धि विनायक मंदिर को बम से उड़ाने की साजिश करने वाला कमरूज्जमां भी यहीं से पकड़ा गया। हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी कमरूज्जमां के सात साथियों के यूपी में पनाह लेने की बात सामने आ रही है। ये सभी लंबे समय से असोम से लापता हैं।
शहर में पकड़े गए दहशतगर्द
- 11 सितंबर 2009 को आइएसआइ एजेंट इम्तियाज सचेंडी से गिरफ्तार।
- 27 सितंबर 2009 को बिठूर से आइएसआइ एजेंट वकास की गिरफ्तारी।
- 18 सितंबर 2011 को रांची निवासी आइएसआइ एजेंट फैसल रहमान उर्फ गुड्डू को एटीएस ने गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान भेजने के आरोप में रेलबाजार से किया गिरफ्तार।
- जुलाई 2012 में सेंट्रल स्टेशन से फिरोज नाम के संदिग्ध की गिरफ्तारी।
- अप्रैल 2014 को पटना में विस्फोट करने वाले एक संदिग्ध को पनकी स्टेशन के पास से एटीएस ने पकड़ा।
- मार्च 2017 में भोपाल में ट्रेन में ब्लास्ट करने वाले आतंकी गिरोह खुरासान मॉड्यूल के तीन आतंकी गिरफ्तार।
आतंकी के साथियों का शहर में कनेक्शन तलाश रही एटीएस
एटीएस टीम संदिग्ध आतंकियों के शहर में ही होने की मिल रही जानकारी को नजरअंदाज न करते हुए लगातार सर्च अभियान जारी रखे है। हालांकि इस बार सब कुछ गोपनीय तरीके से हो रहा है। इसके साथ पुलिस ने होटल, लॉज और मिश्रित आबादी क्षेत्र में सक्रियता बढ़ा दी है। संदिग्ध की पैठ शहर में कहां है और किससे मदद मिल सकती है, इसके लिए टीम ने जाजमऊ, चमनगंज, कल्याणपुर, सचेंडी और बिठूर के लॉज व फार्म हाउस के साथ मुर्गी फार्म और बंद पड़ी टेनरियों पर नजरें गड़ा दी हैं।
काउंसिलिंग वाले युवाओं पर भी नजर
एटीएस की टीम उन पर भी नजर रखे हैं, जहां से मार्च 2017 में पकड़े गए संदिग्ध आतंकी गौस मोहम्मद के ग्रुप से जुड़े लोगों को मदद मिली थी और जिनको काउंसिलिंग के बाद मुख्यधारा में वापस लाया गया था। इसके बाद से एटीएस की टीम शहर के मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों व सुनसान स्थानों पर बने धार्मिक स्थलों पर नजर बनाए है।
नक्सलियों और आतंकियों को सप्लाई होते शस्त्र-कारतूस
शहर से नक्सली व आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों को शस्त्र से लेकर कारतूस तक एजेंटों के माध्यम से मुहैया कराए जा रहे हैं। एटीएस ने चार शस्त्र विक्रेताओं के नक्सली व आंतकियों के गठजोड़ का खुलासा किया था। आतंकी सैफुल्लाह को शस्त्र व कारतूस सप्लाई करने वाले राघवेंद्र से लीड मिली थी।
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