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रिंग रोड से जुड़े गांवों में भू उपयोग परिवर्तन पर रोक, एनएचएआइ के परियोजना निदेशक ने लिखा पत्र

कानपुर के डीएम ने एसडीएम बिल्हौर और सदर को रिंग रोड से जुड़े गांवों में बिना एनओसी भू-उपयोग परिवर्तन पर रोक लगाने का आदेश दिया है। एनएचएआइ के परियोजना निदेशक ने कानपुर देहात के डीएम को भी पत्र लिखा है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Wed, 15 Dec 2021 09:51 AM (IST)Updated: Wed, 15 Dec 2021 09:51 AM (IST)
रिंग रोड से जुड़े गांवों में भू उपयोग परिवर्तन पर रोक, एनएचएआइ के परियोजना निदेशक ने लिखा पत्र
रिंग रोड स्थापना की कवायद ने पकड़ी तेजी।

कानपुर, जागरण संवाददाता। मंधना से सचेंडी के बीच रिंग रोड की स्थापना के लिए जिन गांवों में भूमि अधिग्रहण होना है अब भूमि उपयोग परिवर्तन पर रोक रहेगी। भूमि अधिग्रहण से पहले एनएचएआइ से एनओसी लेनी पड़ेगी। कानपुर नगर के डीएम ने इस संबंध में एसडीएम बिल्हौर और सदर को आदेशित कर दिया है। जल्द ही कानपुर देहात के डीएम की तरफ से भी ऐसे आदेश जारी होंगे, क्योंकि एनएचएआइ के परियोजना निदेशक की तरफ से उन्हें भी पत्र लिखा गया है। 

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फिलहाल एनएचएआइ तभी एनओसी देगा जब अलाइनमेंट मंजूर हो जाएगा, अभी तो गांवों की सूची को मंजूरी मिली है। अलाइनमेंट मंजूर होने के बाद भूमि का गाटा संख्या निर्धारित हो जाएगा। अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित गाटा संख्या को छोड़ अन्य भूमि के भू उपयोग परिवर्तन से एनएचएआइ को किसी तरह की आपत्ति नहीं होगी। रिंग रोड वैसे तो 93 किलोमीटर लंबी बननी है। इसे चार चरणों में बनाया जाना है। पहले चरण में मंधना से सचेंडी के बीच 22 किलोमीटर लंबी रिंग रोड बननी है।

इसमें कानपुर देहात और कानपुर नगर के 57 गांवों की भूमि का अधिग्रहण होना है। भूमि अधिग्रहण के लिए गांव अधिसूचित हो चुके हैं। अब सिर्फ गाटावार भूमि की अधिसूचना जारी होनी है। यह अधिसूचना तब जारी होगी जब अलाइनमेंट को मंजूरी मिल जाएगी। इन गांवों में लोग इस प्रत्याशा में भूमि का भू उपयोग परिवर्तन कराने की कोशिश कर रहे हैं कि जब अधिग्रहण हो तो उन्हें मुआवजा अधिक मिले। अब उनकी मंशा पर पानी फिर जाएगा।

कानपुर के डीएम विशाख जी अय्यर ने उप जिलाधिकारियों को आदेशित किया है कि वे एनओसी लेकर ही भू उपयोग परिवर्तन की कार्यवाही करें। उधर एनएचएआइ के परियोजना निदेशक ने कानपुर देहात के डीएम को भी पत्र लिखा है और भू उपयोग परिवर्तन न करने का आग्रह किया है। देहात के एडीएम वित्त एवं राजस्व जगदंबा गुप्ता का कहना है कि एनएचएआइ की ओर से पत्र आया है। उसका परीक्षण कर आगे की कार्यवाही करेंगे।

इन गांवों में ली जानी है भूमि : चकटोडरपुर, बसौसी, निहुटा, खरगपुर, चकरतनपुर, टिकरा कानपुर, रौतेपुर, सुरार, दूल, भूल, नकटू, भीसी जरगांव, भौंती प्रतापपुर, सुजानपुर, धरमंगतपुर, कटरा घनश्याम, भिसार, बघवट, मलिकपुर, मकरंदपुर बंथा, टोड पुर, प्रतापपुर खास, ढिकिया, बाघपुर, अन्ने, रसदपुर, फत्तेपुर निहुटा, टिकरी, हृदयपुर प्रतापपुर, बाराखेड़ा, सिंहपुर दिवनी, रंजीतपुर, भाऊपुर, खरगपुर बिठूर, गोगूमऊ, सराय छितम, रौतापुर कला, नाढ़ूपुर, उमरी, सहज्योरा, सरदारपुर, बहरामपुर, पूरा जसू, हंसपुर, ताजपुर, इंदलपुर जुगराज, शेरपुर बैरा, बंसठी, जकबहरमपुर, पकरी, दलेलपुर, शेखपुर, चचेंडी, सचेंडी, हलपुरा, कुर्मी खेड़ा खुर्द, चौबेपुर पक्खन, चकहजरतपुर, तिघरा, अमिलिहा, देवपालपुर, महराजपुर, भवानीपुर, कुर्मीखेड़ा कला, गजनेरपुर, मालौ, ततारपुर , रायगोपालपुर, इटरा, दिलावरपुर टोसवा, रुद्रापुर, बनी, पचोर, गोविंदेपुर, पेम, चौबेपुर कला, गंभीरपुर, रैकेपुर, मकसूदाबाद।


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