उम्मीदें 2021: कानपुर का होगा औद्योगिक विकास और युवाओं को मिलेगा रोजगार, जानिए-क्या हैं योजनाएं
कानपुर में डिफेंस कॉरीडोर मेगा लेदर क्लस्टर में 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक निवेश होगा और बाहरी कंपनियों के आने से रोजगार के अवसर खुलेंगे। वहीं गंगा बैराज के पास ट्रांसगंगा सिटी योजना में 15 हजार करोड़ से अधिक का निवेश होने की उम्मीद है।
कानपुर, जेएनएन। नए साल में कानपुर के औद्योगिक विकास को पंख लगेंगे। मेगा लेदर क्लस्टर और ट्रांसगंगा हाईटेक सिटी, डिफेंस कॉरीडोर जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं रोजगार के सृजन का जरिया तो बनेंगी ही, विभिन्न तरह के उत्पादों का निर्यात बढ़ेगा। डिफेंस कॉरीडोर और मेगा लेदर क्लस्टर में ही 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा तो ट्रांसगंगा सिटी में 15 हजार करोड़ से अधिक का निवेश होने की उम्मीद है। ट्रांसगंगा सिटी का विकास हो रहा जबकि दो अन्य औद्योगिक क्षेत्रों के विकास की प्रक्रिया चल रही है।
एक लाख लोगों को लेदर क्लस्टर में रोजगार
रमईपुर में 235 एकड़ में मेगा लेदर क्लस्टर की स्थापना होनी है। इस प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार की हरी झंडी मिल गई है। 800 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। यहां 200 इकाइयां स्थापित होंगी। इनमें टेनरी और निर्यातक इकाइयां शामिल हैं। 15 फरवरी तक डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों इस पार्क का शिलान्यास कराया जाएगा। यहां प्रत्यक्ष रूप से 50 हजार लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य है। इतना ही रोजगार परोक्ष रूप से भी मिलेगा। यहां के लोगों का पलायन रुकेगा, चर्म उत्पादों के निर्यात में बढ़ोतरी भी होगी।
इस प्रोजेक्ट के लिए वाणिज्य मंत्रालय से 125 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए मिलेगी जबकि 200 करोड़ रुपये नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा की ओर से कॉमन इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना के लिए मिलेगा। 50 करोड़ रुपये एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत कॉमन फैसिलिटी सेंटर की स्थापना के लिए राज्य सरकार देगी। उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा स्पेशल परपज व्हीकल के तहत गठित कंपनी मेगा लेदर क्लस्टर डेवलपमेंट यूपी लिमिटेड के निदेशक अशरफ रिजवान का कहना है कि इस प्रोजेक्ट को मूर्त रूप देने में अब कोई बाधा नहीं है। मार्च से पहले ही यहां विकास कार्य शुरू हो जाएगा।
216 हेक्टेयर में बनेगा डिफेंस कॉरीडोर
नर्वल तहसील के साढ़ गांव में 216 हेक्टेयर में डिफेंस कॉरीडोर की स्थापना की जाएगी। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने 178 हेक्टेयर भूमि किसानों से ली जा रही है जबकि शेष ग्राम समाज की भूमि पुनग्र्रहण और अदला-बदली से ली जा रही है। यह कार्य जनवरी में पूरा हो जाएगा। इस कॉरीडोर में कई विदेशी कंपनियां भी यहां निवेश करने को तैयार हैं। उन्होंने प्राधिकरण प्रबंधन से संपर्क भी साधा है।
इस कॉरीडोर तक निवेशक आसानी से पहुंच सकें, उनके उत्पाद और कच्चे माल का आवागमन भी सुगमता से हो सके, इसके लिए नौबस्ता से हमीरपुर जाने वाले हाईवे से इस कॉरीडोर को फोर लेन मार्ग से जोड़ा जाएगा। अभी रमईपुर से साढ़ जाने वाला मार्ग टू लेन है। इस पार्क के बस जाने के बाद यहां भी करीब दस हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा जबकि इतने ही लोग परोक्ष रूप से रोजगार पाएंगे। एडीएम वित्त एवं राजस्व वीरेंद्र पांडेय ने बताया कि भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।
ट्रांसगंगा सिटी बनेगी रोजगार का बड़ा माध्यम
गंगा बैराज पर उन्नाव जिले की सीमा में 1151 एकड़ में बसाई जा रही ट्रांसगंगा सिटी रोजगार का बड़ा माध्यम बनेगी। इस सिटी में भूखंडों के आवंटन का कार्य जनवरी में होगा। इस सिटी में एक लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य है। कई बड़ी औद्योगिक इकाइयां लगेंगी।