चीनी मिलों के लिए तय होंगे प्रदूषण के नए मानक
नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट (एनएसआइ) निदेशक की अध्यक्षता वाली समिति आज चार्टर जारी करेगी। फिलहाल गंगा बेसिन में 88 चीनी मिलें चल रही हैं, जिनके उत्प्रवाह से प्रदूषण में वृद्धि हो रही है। अब इनको लेकर नए मानक स्थापित किए जाएंगे।
जागरण संवाददाता, कानपुर : गंगा को प्रदूषित कर रहीं देशभर की चीनी मिलों पर अब केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की निगरानी पहले से सख्त हो जाएगी। लगातार चल रहे प्रयासों के बावजूद अपेक्षित परिणाम न आने पर मिलों से निकलने वाले उत्प्रवाह के लिए नए सिरे से मानक बनाए गए हैं। मानकों का चार्टर राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के निदेशक की अध्यक्षता वाली समिति ने तैयार कर लिया है।
नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए तमाम योजनाएं और प्रयास चल रहे हैं। इसी कवायद के बीच सरकार की नजर चीनी मिलों पर गई है। देश में गंगा बेसिन में 88 चीनी मिलें हैं। माना जा रहा है, इनसे निकलने वाले उत्प्रवाह की वजह से भी काफी प्रदूषण हो रहा है। इसी फिक्र में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मानकों के अध्ययन व चार्टर बनाने के लिए राष्ट्रीय शर्करा संस्थान कानपुर के निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की समिति गठित की। निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि उत्प्रवाह के लिए क्या मानक होने चाहिए, इसका चार्टर लगभग तैयार है। इस उद्योग से जुड़े लोग भी मानकों के प्रति पूरी तरह संतुष्ट हों, इसके लिए शुक्रवार को बैठक बुलाई गई है। बैठक में उप्र, उत्तराखंड, बिहार के चीनी मिलों, संबंधित इकाइयों के प्रतिनिधि और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी उपस्थित रहेंगे। उनके समक्ष चार्टर प्रस्तुत कर सलाह मशविरा कर अंतिम रूप दिया जाएगा और फिर सरकार के सुपुर्द कर दिया जाएगा।