GSVM Medical College: एलएलआर अस्पताल में अलग बनेगी मेडिसिन इमरजेंसी, ज्यादा मरीजों से होती परेशानी
जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल की इमरजेंसी में मरीजों की संख्या बढऩे से इलाज करने में दिक्कत होती है। इसके चलते अब अलग मेडिसिन इमरजेंसी बनाने का फैसला किया गया है जो इमरजेंसी ब्लाक के सामने वार्ड एक में शिफ्ट होगी।
कानपुर, जेएनएन। एलएलआर अस्पताल (हैलट) में वायरल बुखार, वायरल डायरिया एवं वायरल निमोनिया के मरीजों की बढ़ती संख्या से इमरजेंसी में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो रही है। इस समस्या को देखते हुए प्राचार्य ने प्रमुख अधीक्षक को इमरजेंसी ब्लाक के सामने स्थित सर्जरी के वार्ड-एक में मेडिसिन विभाग की अलग इमरजेंसी बनाने का निर्देश दिया है। यहां छह बेड पर वेंटिलेटर एवं मल्टी पैरामानीटर लगाए जाएंगे, ताकि मरीजों को मैनेज किया जा सके।
एलएलआर अस्पताल में शहर ही नहीं आसपास के 10-12 जिलों के मरीज आ रहे हैं। मरीजों की संख्या को देखते हुए एलएलआर इमरजेंसी के मेडिसिन, सर्जरी और आर्थोपेडिक यूनिट में बेड कम पड़ रहे हैं। एक बेड पर तीन-तीन मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है। इस समस्या को देखते हुए जीएसवीएम के प्राचार्य प्रो. संजय काला एवं उप प्राचार्य प्रो. रिचा गिरि ने एलएलआर के प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या के संग मंथन किया। तीनों ने वार्ड एक में इमरजेंसी की मेडिसिन यूनिट बनाने का निर्णय लिया है। जल्द ही उसे तैयार किया जाएगा।
मेडिसिन यूनिट के लिए 40 बेड : प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या ने बताया कि वार्ड एक में 40 बेड हैं, जो मेडिसिन के इमरजेंसी यूनिट के लिए पर्याप्त हैं। छह बेडों को मरीजों को मैनेज करने के लिए रखा जाएगा। मैनेज करने के बाद इसी वार्ड के दूसरे बेडों पर शिफ्ट कर दिया जाएगा।
इमरजेंसी में सर्जरी व आर्थोपेडिक यूनिट
प्रो. मौर्या के मुताबिक एलएलआर की इमरजेंसी के एक तरफ सर्जरी यूनिट और दूसरी तरफ आर्थोपेडिक यूनिट होगी। हाल में मरीजों को मैनेज करने की व्यवस्था होगी। बगल में ही माइनर ओटी भी है।