महोबा में तीन घंटे तक फोन लगाने पर भी नहीं आई एंबुलेंस, नवजात ने तोड़ दिया दम
कोतवाली चरखारी के ग्राम बेहारी निवासी अर्चना पत्नी चेतराम को प्रसव पीड़ा होने पर स्वजन ने बुधवार की रात उसे सीएचसी चरखारी में भर्ती कराया था। जहां पर अर्चना ने बच्ची को जन्म दिया। नवजात की हालत बिगड़ने पर चिकित्सक ने उसे महोबा महिला जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
महोबा, जेएनएन। सरकार लाख दावे कर ले लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही से स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बेहाल है। यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में प्रसव के बाद शिशु की हालत बिगड़ऩे पर महिला जिला अस्पताल भेजा गया। सुधार न होने पर डाक्टर ने मेडिकल कालेज झांसी रेफर कर दिया। स्वजन करीब तीन घंटों तक एंबुलेंस के लिए फोन लगाते रहे लेकिन एंबुलेंस नहीं आई और नवजात की मौत हो गई।
कोतवाली चरखारी के ग्राम बेहारी निवासी अर्चना पत्नी चेतराम को प्रसव पीड़ा होने पर स्वजन ने बुधवार रात उसे सीएचसी चरखारी में भर्ती कराया था। जहां पर अर्चना ने बच्ची को जन्म दिया। नवजात की हालत बिगडऩे पर चिकित्सक ने उसे महोबा महिला जिला अस्पताल रेफर कर दिया। नवजात को एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कर उपचार किया गया। उसकी हालत में सुधार नहीं होने पर डाक्टर ने मेडिकल कालेज झांसी के लिए रेफर कर दिया। चेतराम के बड़े भाई लक्ष्मी प्रसाद ने बताया कि वह तीन घंटे तक बराबर एंबुलेंस को फोन लगाते रहे, इसके बाद भी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो सकी। दूसरी तरफ से हर बार जवाब आता रहा कि अभी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं है। बताया कि यदि समय से एंबुलेंस मिल जाती तो झांसी पहुंचने पर नवजात की जान बच जाती। सीएमएस डा डीके सुल्लेरे ने बताया कि शिशु के हार्ट में दिक्कत थी, एसएनसीयू वार्ड में उसका उपचार किया गया। हालत ज्यादा गंभीर होने पर उसे रेफर किया गया था। एंबुलेंस जिला प्रभारी अविनाश मिश्रा ने बताया कि तीमारदार ने 108 टोल फ्री नंबर लगाया था, और एएलएस (लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस) एंबुलेंस मांग रहे थे, इसके लिए उन्हें 0522 2466510 टोल फ्री नंबर लगाना चाहिए था। इसके बाद भी एंबुलेंस नहीं मिलती तो वह महिला अस्पताल में एंबुलेंस काउंटर पर संपर्क करते तो उनको तत्काल एंबुलेंस उपलब्ध कराई जाती।