शहर में बढ़ रहे कोरोना के केस, कंटेंनमेंट जोन में इस तरह से हो रही लापरवाही
हले जैसी सख्ती अब कंटेंटमेंट जोन में नहीं हो रही है। पहले बकायदा बैरिकैडिंग लगाई जाती थी। संक्रमित के स्वजन का घर से बाहर निकलने में पूरी तरह से मनाही होती थी। क्षेत्र में लोगों के बेवजह घूमने-फिरने पर रोक लगी रहती थी।
केस-एक : देव नगर की आरा मशीन वाली गली में चार दिन पहले 70 वर्षीय बुजुर्ग कोरोना संक्रमित हो गए थे। स्वास्थ महकमे की टीम पुलिस के साथ आकर घर वालों की सैंपलिंग करके चली गई। उन्हेंं अस्पताल में भर्ती कराने के बजाए होम आइसोलेशन में छोड़ दिया। पड़ोसियों की कोरोना टेस्टिंग तक नहीं कराई। न ही सुरक्षा के उपाए किए। बंदिशें न लगने से घर में कामवाली एवं खाना बनाने वाली आ-जा रही हैं। संक्रमित के घर वाले बेरोक-टोक घूम रहे हैं। घर का संक्रमित कचरा भी गली में फेंक रहे हैं।
केस-दो : जवाहर नगर में शनिदेव मंदिर वाली गली में एक परिवार के चार सदस्य कोरोना संक्रमित हो गए थे। वहां भी पुलिस एवं स्वास्थ्य महकमे की टीम गई थी। इस क्षेत्र में भी पुलिस ने बैरिकेडिंग नहीं कराई। किसी तरह की सुरक्षा व्यवस्था नहीं कराई। न ही घर वालों के निकलने में रोक लगाई। ऐसे में मोहल्ले के लोग खुलेआम बिना मास्क एवं शारीरिक दूरी का पालन किए घूमते रहे।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना के संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकारी मशीनरी कितनी सजग है, यह दो उदाहरण उसकी बानगी हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण की रोथकाम को लेकर अब स्वास्थ्य महकमा भी उदासीन हो चला है। कंटेंनमेंट जोन में भी जमकर लापरवाही हो रही है। संक्रमितों के स्वजन, उनके संपर्क में आए और पास-पड़ोस के लोगों की ठीक से कांटेक्ट ट्रेसिंग नहीं की जा रही है। रैपिड रिस्पांस टीमें (आरआरटी) हाई रिस्क वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती तक नहीं करा रही हैं। इसलिए संक्रमित गंभीर स्थिति में अस्पताल पहुंच रहे हैं।
न शारीरिक दूरी, न मास्क
पहले जैसी सख्ती अब कंटेंटमेंट जोन में नहीं हो रही है। पहले बकायदा बैरिकैडिंग लगाई जाती थी। संक्रमित के स्वजन का घर से बाहर निकलने में पूरी तरह से मनाही होती थी। क्षेत्र में लोगों के बेवजह घूमने-फिरने पर रोक लगी रहती थी। बहुत जरूरी होने पर मास्क लगाकर ही निलकते थे। अब पहले जैसी सख्ती नहीं है। न शारीरिक दूरी और न ही मास्क लगा रहे हैं। इससे संक्रमण तेजी से फैलने का खतरा है।
मोहल्ले में ही जला रहे पीपीई किट
स्वास्थ्य महकमे की टीम कोरोना संक्रमित के घर जाती है। टीम के सदस्या जो पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट (पीपीई) किट, मास्क और ग्लव्स पहनते हैं। उसे घर के बाहर ही जला देते हैं। इसको लेकर भी क्षेत्र के लोगों में नाराजगी है।
बाजारों में भीड़, कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं
कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। फिर भी शहरी लापरवाही बरत रहे हैं। कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं हो रहा है। शहर के सबसे व्यस्ततम बाजार शिवाला में शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा है। न ही दुकानदार और न ही महिलाएं मास्क लगाकर आ रही हैं। महिलाओं एवं युवतियों में कोरोना का खौफ खत्म हो गया है, इसलिए मास्क लगाना ही छोड़ दिया है। बड़े चौराहा, परेड चौराहा एवं नवीन मार्केट में भी ग्राहक बिना मास्क के आ रहे हैं। शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा है। सीसामऊ थाने के बगल के हीरागंज बाजार में भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं हो रहा है।