नेशनल मेडिकल कमीशन ने तैयार कराया मसौदा, अब एमबीबीएस अंतिम वर्ष की मेरिट पर पीजी में दाखिला
नेशनल मेडिकल कमीशन ने पीजी की पढ़ाई को स्किल्ड बेस्ड बनाने के लिए मसौदा तैयार कराने के साथ 30 अगस्त तक सभी जगह से सुझाव मांगे हैं। गुणवत्तापरक चिकित्सा शिक्षा एवं जनहित के शोध कार्यों पर जोर दिया जा रहा है।
कानपुर, [ऋषि दीक्षित]। जनता की चिकित्सकीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने सुधार के प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके तहत गुणवत्तापरक चिकित्सा शिक्षा एवं जनहित के शोध कार्य कराए जाने हैं। इसलिए पीजी की पढ़ाई को स्किल्ड बेस्ड बनाया जा रहा है, ताकि अपनी-अपनी विधा में निपुणता हासिल कर विशेषज्ञ चिकित्सक तैयार किए जा सकें। अब देशभर के सरकारी व निजी मेडिकल कालेजों और चिकित्सकीय संस्थानों में एमबीबीएस फाइनल ईयर (अंतिम वर्ष) की परीक्षा के आधार पर स्नातकोत्तर (पीजी) में दाखिला दिया जाएगा। एनएमसी ने इसका मसौदा तैयार करके देशभर के मेडिकल कालेजों को भेजकर 30 अगस्त तक सुझाव मांगे हैं। फिर उसका गजट किया जाएगा।
एनएमसी ने पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड (पीजीएमईबी) का गठन किया है, जिसे मेडिकल कालेजों में स्नातकोत्तर कोर्स (पीजी) यानी एमडी और एमएस की पढ़ाई में सुधार के लिए रेगुलेशन तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पीजीएमईबी ने पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन रेगुलेशन-2021 (पीजीएमईआर-2021) का मसौदा तैयार करने के बाद संशोधन के लिए सुझाव मांगे हैं। इसकी प्रति जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य को भेजी है। प्राचार्य प्रो. संजय काला ने सभी विभागाध्यक्षों को ईमेल कर सुझाव मांगे हैं।
अंडर ग्रेजुएट का एक ही कामन एग्जाम
देशभर के मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस यानी अंडर ग्रेजुएट की फाइनल ईयर की परीक्षा कामन होगी, जिसकी मेरिट के आधार पर पीजी में दाखिले होंगे। इसे नेशनल एग्जिट टेस्ट (एनईटी) कहा जाएगा। एनईटी कौन कराएगा, इसका निर्णय भी एनएमसी करेगा।
तीन वर्षों के लिए मान्य होगी मेरिट
एक बार नेशनल एग्जिट टेस्ट देने के बाद उसकी मेरिट तीन वर्षों के लिए मान्य होगी। इसके आधार पर तीन वर्षों तक पीजी में दाखिला ले सकेंगे। उसके बाद अगर पीजी में दाखिला लेना चाहेंगे तो फिर से एनईटी देना होगा।
पास करते ही प्रैक्टिस का मिलेगा लाइसेंस
एमबीबीएस की परीक्षा पास करने के बाद एनएमसी में पंजीकरण के लिए आवेदन करना पड़ता है। नए मसौदे में नेशनल एग्जिट टेस्ट पास करने के बाद ही प्रैक्टिस के लिए लाइसेंस प्रदान किया जाएगा। इसके लिए अलग से आवेदन करने की जरूरत भी नहीं होगी। इसके प्रमाणपत्र को ही लाइसेंस माना जाएगा।
पीजीएमईआर-2021 के उद्देश्य
-जनता की स्वास्थ्य जरूरतों को जानना है।
-देश की स्वास्थ्य नीति के आधार पर हों कार्य।
-छात्र-छात्राएं अपनी विधा में हों पूर्ण पारंगत।
-ऐसे विशेषज्ञ सेकेंड्री व टर्सरी सेंटर पर देंगे सेवाएं।
-समय के हिसाब से अपनी विधा में होते रहें अपग्रेड।
-पढ़ाई के साथ विकसित की जाए वैज्ञानिक सोच।
-शोध कार्य संग महामारी से निपटने में हों पारंगत।
-पठन-पाठन की भी होनी चाहिए जानकारी।
-एनएमसी ने पीजी कोर्सेज की गुणवत्ता बढ़ाने को सुधार का मसौदा तैयार किया है। इसके लिए देशभर के मेडिकल कालेजों एवं चिकित्सकीय संस्थानों से 30 अगस्त तक सुझाव मांगे हैं। -डा. मनीष सिंह, न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष जीएसवीएम