औरैया हादसा : शव के साथ घायलों को भेजने पर मुख्य सचिव को राष्ट्रीय मानवाधिकार का नोटिस
राष्ट्रीय मानवाधिकार ने प्रकरण का संज्ञान लेकर घटना को क्रूर व अमानवीय बताया है।
औरैया, जेएनएन। ट्राला-डीसीएम भिड़ंत के बाद घायलों को शवों के साथ एक डीसीएम में भेजे जाने के मामले का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को नोटिस जारी करके चार सप्ताह में मामले पर विस्तृत रिपोर्ट और लापरवाह अधिकारियों पर की गई कार्रवाई का विवरण मांगा है। साथ प्रकरण को क्रूर और अमानवीय बताया है।
यह हुई थी घटना
16 मई की तड़के तीन बजे औरैया शहर से छह किमी पहले मिहौली गांव के पास शिव ढाबा पर गाजियाबाद से मजदूरों को लेकर आई डीसीएम खड़ी थी। राजस्थान से मजदूर लेकर आ रहे ट्राला ने उसे टक्कर मार दी और दोनों खड्ड में जा गिरे। हादसे में मौके पर 26 और कुल 28 लोगों की मृत्यु हो गई थी। 17 मई को सूर्योदय होने से पहले जिला प्रशासन ने झारखंड के 12 शवों को तीन डीसीएम से भेजा लेकिन उसी में घायलों को भी बिठाकर भेज दिया था।
आयोग ने घटना को क्रूर और अमानवीय बताया
शवों के साथ घायलों को एक ही डीसीएम से भेजे जाने की मर्मांतक पीड़ा को दैनिक जागरण ने उजागर किया था। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस घटना को क्रूर, अनैतिक और अमानवीय भी बताया है। कहा है, घायलों को न केवल शारीरिक चोट का सामना करना पड़ा बल्कि भीषण दुर्घटना से मिले जबरदस्त आघात के बीच उन्हें शव वाले वाहनों में बैठने के लिए मजबूर किया गया।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने समाचार पत्र में प्रकाशित खबरों का संज्ञान लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है। आयोग ने यह भी कहा है कि अधिकारी लोक सेवक की स्थिति को समझदारी से निपटाने में विफल रहे हैं। वहीं इस प्रकरण पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे अमानवीय बताते हुए निंदा की थी।
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