नेशनल बॉक्सर रुखसार ने बढ़ाया शहर का मान, साईं सेंटर से हासिल किया कोचिंग डिप्लोमा
12 बार स्टेट तीन बार नेशनल और सात बात सर्वश्रेष्ठ बॉक्सरों में शुमार रहीं कोलकाता साईं सेंटर से बी ग्रेड से हासिल किया डिप्लोमा रुखसार ने बॉक्सिंग की शुरुआत महज दस वर्ष की उम्र में ग्रीनपार्क से वे राष्ट्रीय प्रशिक्षक स्वर्गीय राजेश दीक्षित बॉक्सिंग एकेडमी में प्रशिक्षण हासिल करती थी
कानपुर जेएनएन। बॉक्सिंग विधा में पंच का दम दिखाकर शहर का नाम देशभर में रोशन करने वाली रुखसार बानो अब खिलाडिय़ों को पंच की बारीकियों से परिचित कराएंगी। तीन बार नेशनल, 12 बाद स्टेट बॉक्सिंग में पदक झटक चुकीं यह बेटी सात बार उप्र की सर्वश्रेष्ठ बॉक्सरों में शुमार रहीं। रुखसार ने साईं नेताजी सुभाष ईस्टर्न सेंट्रल कोलकाता से पीजी डिप्लोमा इन स्पोट्र्स कोचिंग बी ग्रेड संग हासिल किया।
मछरिया में रहने वाले मोहम्मद अशरफ की बेटी ने तमाम बंदिशों को तोड़ते हुए पंच का ऐसा दम दिखाया जो पूरे देश में पहचाना जाने लगा। रुखसार ने बॉक्सिंग की शुरुआत महज दस वर्ष की उम्र में ग्रीनपार्क से की। वे राष्ट्रीय प्रशिक्षक स्वर्गीय राजेश दीक्षित बॉक्सिंग एकेडमी में प्रशिक्षण हासिल करती थी।
खेल के प्रति समर्पण के चलते रुखसार ने एक दो नहीं बल्कि दर्जनों नेशनल व स्टेट प्रतियोगिताओं में शहर को पदक दिलाया। वे प्रदेश की प्रमुख बॉक्सिंग खिलाडिय़ों में पहचानी जाती हैं। वर्ष 2005 में हुई स्टेट प्रतियोगिता में रुखसार ने बुलंदशहर की खिलाड़ी को पटखनी देकर स्वर्ण पदक जीता था। उसके बाद जीत का जो करवां बढ़ा वो प्रतियोगिता दर प्रतियोगिता बढ़ता गया। स्किल व मजबूत फुटवर्क के साथ आक्रमण खेल के लिए देशभर में पहचानी जाने वाली रुखसार 12 बार स्टेट चैंपियन और सात बार उत्तर प्रदेश की बेस्ट बॉक्सर रही। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश, गोवा और तमिलनाडु में हुई नेशनल बॉक्सिंग में लगातार पदक जीतकर धमक बनाई।
बॉक्सरों ने जाहिर की खुशी
वे इंडिया कैंप सेंट्रल जोन प्रतियोगिता में रजत पदक भी हासिल कर चुकीं हैं। शहर की बेटी की इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश बॉक्सिंग एसोसिएशन अध्यक्ष चंद्रपाल तेवतिया, महासचिव अनिल मिश्रा, कोषाध्यक्ष हसन रजा जैदी, संजीव दीक्षित, संकल्प दीक्षित सहित बॉक्सरों ने खुशी जाहिर की।
युवा वर्ग के खिलाड़ी व बेटियों को संवारने पर रहेगा फोकस
बातचीत में रुखसार ने बताया कि उनका फोकस युवा वर्ग के खिलाडिय़ों व बेटियां को संवारने पर रहेगा। शहर में प्रतिभाओं की कमी नहीं है बेहतर मार्गदर्शन इनको मंच तक पहुंचा सकता है। बॉक्सिंग के सफर में जो भी सीखा उसका प्रयोग कर खिलाडिय़ों को संवारने की कोशिश करूंगी।