कानपुर: जाड़ा शुरू होने के साथ अफसरों को आई रैन बसेरा की याद, व्यवस्था दुरुस्त करने में जुटा अमला
नगर निगम के मुख्य अभियंता एसके सिंह ने सभी जोनों के अधिशासी अभियंताओं को आदेश दिए है कि अपने-अपने जोन में स्थित एक-एक रैन बसेरा का निरीक्षण करें। सफाई के साथ ही चादर और कंबल की व्यवस्था की जाए। रजिस्टर रखा जाए इसमें ठहरने वालों का नाम लिखा जाए।
कानपुर, जागरण संवाददाता। जाड़ा शुरू होने के साथ ही नगर निगम को रैन बसेरा की याद आने लगी है। नगर निगम का अमला अब रैन बसेरा दुरुस्त करने में जुटा है। हालत यह है कि एक रैन बसेरा मेट्रो निर्माण के चलते बंद हो गया है तो एक रैन बसेरा में कूड़ाघर के चलते लोग कम आते है।
नगर निगम के मुख्य अभियंता एसके सिंह ने सभी जोनों के अधिशासी अभियंताओं को आदेश दिए है कि अपने-अपने जोन में स्थित एक-एक रैन बसेरा का निरीक्षण करें। वहीं पर सफाई के साथ ही चादर और कंबल की व्यवस्था की जाए। रैन बसेरा में रजिस्टर रखा जाए इसमें ठहरने वालों का नाम लिखा जाए। साथ ही कोरोना काल का भी पालन किया जाए। सैनेटाइजेशन कराया जाए। बिना सैनेटाइज किए किसी भी व्यक्ति को अंदर नहीं आने दिया जाए। हर रैन बसेरा के बाहर देखने वाले अवर अभियंता और सुपरवाइजर का नाम और मोबाइल नंबर लिखा जाए। पोस्टमार्टम स्वरूप नगर के बगल में बना रैन बसेरा मेट्रो रूट के कारण तोड़ दिया गया था। अब उसको उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन निर्माण करा रहा है। यहां पर कम से कम 30 लोगों के रुकने की व्यवस्था है। अभी नवंबर तक रैन बसेरा चालू होता नजर नहीं आ रहा है।
वहीं, वीआइपी रोड से भैरोघाट की तरफ जाने वाले रैन बसेरा के सामने कूड़ाघर है। कूड़़ाघर के बाहर फैली गंदगी के कारण लोगों का सांस लेना मुश्किल हो जाता है। यहां पर कमरे है। कई लोग डेरा डाले हुए है। परिवार सहित जमे हुए है। चुन्नीगंज में भी रैन बसेरा में कमरे है इसमें भी लोग परिवार के साथ डेरा डाले हुए है। जानकारी आला अफसरों को भी है लेकिन चुप्पी साधे हुए है। जाड़ा शुरू होने के बाद भी कई रैन बसेरा में रात में भी ताला लटका रहता है। इसके कारण लोग रहने नहीं जा पाते है। वहीं सड़क पर सोने वालों को उठाकर रैन बसेरा लाने के लिए टीम बनी थी वह भी कागज में है।