Triple Talaq: मुफ्तियों के पैनल का फतवा- बिना हलाला औरत को रखने पर होंगे जिना के दोषी
महिला शरई कोर्ट के प्रवक्ता के मांगने पर मुफ्तियों के पैनल ने तलाकशुदा पत्नी को अपनाने के लिए हलाला जरूरी बताया है।
कानपुर, जेएनएन। तीन तलाक मामले के बाद हलाला को लेकर भ्रांतियां शुरू हो गई हैं। इसपर मुफ्तियों के पैनल ने फतवा भी जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि तलाक के बाद यदि कोई शख्स बिना हलाला दोबारा उसी औरत को अपने साथ रखता है तो दोनों जिना (हरामकारी) के दोषी होंगे।
महिला शरई कोर्ट में आए एक मामले में पति ने पत्नी को तलाक देने के बाद दूसरा निकाह किया था। पति ने जिसे तलाक दिया था बाद में उसे अपना लिया और शरई नियमों का पालन नहीं किया। संपत्ति को लेकर दोनों के बीच विवाद होने पर पति ने उसे दोबारा तलाक दे दिया। बगैर हलाला के साथ रहने का मामला महिला शरई कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट के प्रवक्ता ने मुफ्तियों से फतवा मांगा, ताकि फैसला सुनाने में समस्या न आए।
महिला शरई कोर्ट के प्रवक्ता तथा आल इंडिया सुन्नी उलमा काउंसिल के महासचिव हाजी मोहम्मद सलीस ने बताया कि मुफ्तियों के पैनल ने फतवा दे दिया है। इसके मुताबिक तलाक के बाद बिना शरई खानापूरी किए दोबारा औरत को पत्नी के रूप में रखना जिना है। इसमें मर्द व औरत दोनों गुनाहगार होंगे। शरीयत कानून में इसकी सजा है। हाजी सलीस ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में उनको शरीयत कानून से सजा नहीं दी जा सकती। मुफ्तियों के मुताबिक उनका सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए।
यह है नियम : अगर कोई अपनी पत्नी को तलाक दे देता है तो उसे दोबारा तभी अपना सकता है जब पत्नी कहीं और शादी कर तलाक ले। इस प्रक्रिया को ही हलाला कहते हैं।