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खुद को कमरे में बंद कर मासूमों ने बचाई जान, बाहर नाना-नानी की बेरहमी से हत्या

दलपतपुर गांव के बाहर फार्म हाउस में कमरे से पचास मीटर दूर पर पड़े मिले शव। दंपती के गले व पीठ पर धारदार हथियार के निशान हैं। पुलिस ने गड़ासा व डंडा बरामद किया।

By AbhishekEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 03:41 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 03:41 PM (IST)
खुद को कमरे में बंद कर मासूमों ने बचाई जान, बाहर नाना-नानी की बेरहमी से हत्या

कानपुर (जेएनएन)। कानपुर देहात के गजनेर थाना क्षेत्र के गंगरौली ग्राम पंचायत के दलपतपुर में बुधवार की सुबह एक फार्म हाउस का नजारा जिसने देखा दहल गया। एक कमरे में बच्चे अंदर से कुंडी बंद किए दुबके-सहमे बैठे थे। बाहर फर्श पर सिर्फ खून-खून ही नजर आ रहा था। लोगों ने समझाकर कुंडी खुलवाने का प्रयास किया लेकिन डेर-सहमे बच्चे कुछ भी बोल नहीं रहे थे। आखिर किसी तरह बच्चों ने दरवाजा खोला और रात का दिल दहला देने वाला नजारा बयां किया।

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फार्म हाउस में नाती व नातिन संग रहते थे दंपती

कानपुर निवासी अनिल मिश्रा का दलपतपुर गांव के बाहर फार्म हाउस है। यहां गांव के रामस्वरूप पासवान (62) पत्नी छुन्ना (58) के साथ रहते थे। उनके साथ ही आठ वर्षीय नातिन सखी और छह वर्षीय नाती राज भी रहते थे। दंपती पिछले चार साल से फार्म हाउस में खेती व रखवाली कर रहे थे।

सुबह फार्म हाउस का नजारा देख सन्न रह गए ग्रामीण

बुधवार की सुबह फार्म हाउस के पास ही खेतों की ओर गए कुछ किसानों ने सामान अस्त व्यस्त देखा और आवाज देने पर कोई नहीं बोला तो वह नजदीक गए। अंदर का नजारा देख सभी सन्न रह गए। किसान गोरे की सूचना पर गांव वालों की भीड़ जुट गई। किसी तरह ग्रामीणों ने कमरा खुलवाकर बच्चों को बाहर निकाला। 

सखी ने बयां की बेरहमी की दस्तां

वृद्ध दंपती के साथ रह रही सखी ने बताया कि नाना-नानी और वह खाना खाकर सो रहे थी। इस बीच रात में कुछ लोग आए और नाना को पीटने लगे। नानी ने टोका तो उन्हें भी मारा। बच्चों ने बताया कि डर के कारण वह दोनों अंदर कमरे में घुस गए और कुंडी बंद कर ली। बाहर नाना व नानी को लोग पीटते रहे और उनकी चीख पुकार सुनाई देती रही। कुछ देर बाद चीख पुकार बंद हो गई, डर की वजह से वह कमरे से बारह नहीं आए।

कमरे से पचास मीटर दूर पड़े थे शव, डंडे व गड़ासा मिला

सूचना पर पुलिस टीम के साथ पहुंचे एसपी राधेश्याम ने घटनाक्रम की जानकारी ग्रामीणों से ली। दंपती के गले व पीठ पर धारदार हथियार के निशान मिले हैं। कमरे से पचास मीटर दूर पर पड़े शवों के पास गड़ासा व डंडे मिले हैं। ग्रामीणों ने बताया कि किसान के तीन पुत्र हैं, इसमें दो बेटों में बबलू और छोटू कानपुर में रहकर प्राइवेट काम करते हैं। सबसे छोटा दीनबाबू हैदराबाद में रहता है।

बच्चों को लेने का दबाव बना रही थी राखी

गांव वालों ने बताया कि रामस्वरूप ने दूसरे नंबर की बेटी राखी की शादी 10 वर्ष पूर्व लालेपुर कानपुर निवासी भांजे प्रेमकुमार के साथ की थी। एक वर्ष पूर्व आपसी मनमुटाव से संबंध विच्छेद हो गये थे। इसके बाद राखी दो बच्चों को लेकर पिता रामस्वरूप के साथ फार्म हाउस मे रहने लगी थी। कुछ दिनों बाद राखी के दीपक पुत्र ब्रम्हा निवासी दुवारी के साथ चली गई। वह अपने बच्चों को लेने के लिए पिता पर लगातार दबाव बना रही थी। दंपती किसी कीमत पर बच्चों को देना नहीं चाहते थे। लोगों में चर्चा रही कि कहीं इसी वजह से हत्या तो नहीं हुई है। पुलिस ने भी इस बिंदु पर जांच कर रही है।


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