उरई में मजदूर की निर्मम हत्या किए जाने के मामले में चार दोषियों को 10 साल का कारावास और जुर्माना
14 अप्रैल 2017 को ग्राम जुझारपुरा की घटना। अदालत ने पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड लगाया। घटना में छह नामजद थे ट्रायल के दौरान दो की हो चुकी है मौत। साढ़े तीन साल तक चली मामले की सुनवाई। दिवंगत मजदूर के पिता ने लगाया था आरोप।
कानपुर, जेएनएन। जिसे से सटे हुए उरई क्षेत्र के ग्राम जुझारपुरा में 14 अप्रैल 2017 को एक वीभत्स वारदात को अंजाम दिया गया था। घटना में गेहूं कतरायी के दौरान मजदूर को थ्रेसर मशीन में डालकर उसकी हत्या कर दी गई थी। उक्त प्रकरण में विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट की कोर्ट में बुधवार को फैसला सुनाया गया। साक्ष्यों के आधार पर न्यायाधीश ने आरोपितों को दोषी करार दिया, उन्हेंं 10 साल की कैद व पांच -पांच हजार हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। दिवंगत के पिता ने खेत मालिक समेत छह लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था, परंतु ट्रायल के दौरान दो आरोपितों की मृत्यु हो गई।
यह था मामला
14 अप्रैल 2017 को ग्राम जुझारपुरा निवासी देवेंद्र कुमार को घनश्याम अपने खेत में गेहूं की थ्रेसिंग कराने के लिए लिवा ले गए थे। पूरी रात उसने थ्रेसिंग कराई, लेकिन सुबह पांच बजे संदिग्ध हालात में देवेंद्र की मृत्यु हो गई। बाद में देवेंद्र के पिता ने आरोप लगाया कि खेत मालिक घनश्याम, बृजकिशोर, दीपक, रामू , संजीव व हरिमोहन ने देवेंद्र को जबरन मशीन में डालकर उसकी हत्या की है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर सभी आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर उन्हेंं गिरफ्तार किया और कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था।
साढ़े तीन साल तक चली सुनवाई
साढ़े तीन साल से अधिक समय चली सुनवाई के बाद बुधवार को विशेष जज ईसी एक्ट अनिल कुमार यादव की कोर्ट में मुकदमे का फैसला सुनाया गया। अभियोजन पक्ष से मुकदमे की पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता रामलखन सिंह के अनुसार न्यायाधीश ने आरोपितों को दोषी करार दिया है। सभी को 10-10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है, इसके अलावा पांच पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। छह आरोपितों में दो घनश्याम व बृजकिशोर की ट्रायल के दौरान ही मृत्यु हो चुकी है, लिहाजा शेष बचे आरोपितों पर ही सजा सुनाई गई है।