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छह माह बाद सजा काटकर लौटी पत्नी ने पति को उतारा मौत के घाट, पहले भी हत्या का कर चुकी प्रयास

सिर पर वारकर पत्नी ने की पति की हत्या। बार बार बयान बदलती रही हत्यारोपित महिला पहले भी पति को जलाने के आरोप में जा चुकी थी जेल। दिवंगत के पिता ने हत्यारोपित महिला व उसके भाई के खिलाफ हत्या की तहरीर दी है।

By ShaswatgEdited By: Published: Mon, 16 Nov 2020 04:31 PM (IST)Updated: Mon, 16 Nov 2020 04:31 PM (IST)
छह माह बाद सजा काटकर लौटी पत्नी ने पति को उतारा मौत के घाट, पहले भी हत्या का कर चुकी प्रयास
दिवंगत अनूप व उसके बगल में हत्यारोपित पत्नी संध्या।

कानपुर देहात, जेएनएन। मूसानगर क्षेत्र के नयापुरवा मोहल्ले में एक सनसनी फैला देने वाली घटना को अंजाम दिया गया। छह माह जेल में सजा काट कर लौटने वाली आपराधिक प्रवृत्ति की महिला ने पति को ही मौत के घाट उतार दिया। 

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हत्या के बाद काफी देर तक किया ड्रामा

सोमवार सुबह उसने शोर मचाया कि उसके पति को कुछ हो गया है और बिस्तर से नहीं उठ रहे। धीरे-धीरे लोग एकत्र हुए और पुलिस पहुंची तो गले पर निशान देखकर शक हुआ। पत्नी बार बार बयान बदलती रही आखिर में वह टूट गई। दिवंगत के पिता ने हत्यारोपित महिला व उसके भाई के खिलाफ हत्या की तहरीर दी है।

कुछ इस प्रकार दिया घटना को अंजाम 

नयापुरवा निवासी 42 वर्षीय अनूप कुमार पत्नी संध्या उर्फ मुनिया संग रहता था। उनमें आए दिन विवाद होता था लेकिन इसके बाद भी साथ में रहते थे।  सोमवार सुबह वह मोहल्ले में शोर मचाने लगी कि इनको कुछ हो गया है और उठ नहीं रहे। अनूप के पिता रामबाबू भी सिमरिया देवराहट गांव से यहां पहुंचे। उन्हेंं कुछ शक हुआ तो पुलिस को बुलाया। एएसपी अनूप कुमार पुलिस फोर्स संग पहुंचे। पूछताछ शुरू हुई तो संध्या बार बार बयान बदलती रही। कड़ाई से पूछताछ में उसने हत्या की बात बताई। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर पर भारी वस्तु के प्रहार से हत्या की बात सामने आई है। इसके अलावा चेहरे व गाल पर भी चोट के निशान मिले हैं, गर्दन पर सूजन भी मिली है। फोरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए। सीओ भोगनीपुर प्रभात कुमार ने बताया कि महिला से पूछताछ की जा रही है।

छह माह जेल में रहकर आई थी संध्या

दंपती में कभी भी बनती नहीं थी, लेकिन फिर भी साथ रहते थे। करीब डेढ़ वर्ष पूर्व विवाद में उसने अनूप को आग लगा दी थी। किसी तरह से अनूप बच गए थे, मुकदमा दर्ज हुआ और संध्या छह माह जेल में रहकर आई थी। इसके बाद भी दोनों साथ फिर रहने लगे। यह परिवार व गांव वालों को अखरती थी। आखिर में इसका नतीजा यही हुआ कि अनूप को अपनी जान गंवानी पड़ी।


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