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घबराएं नहीं, डेंगू के इलाज की दवा तैयार...क्लीनिकल ट्रायल के बाद मरीजों को दी जा सकेगी खुराक

क्लीनिकल ट्रायल के लिए ड्रग कंट्रोल जनरल आफ इंडिया ने अनुमति प्रदान कर दी है। देश के आठ और विदेश के 30 सेंटरों पर ट्रायल होगा। जिसमें जीएसवीएमएमसी भी शामिल है। 30 डेंगू संक्रमितों पर अध्ययन ट्रायल किया जाएगा।

By Abhishek VermaEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 10:46 AM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 10:46 AM (IST)
घबराएं नहीं, डेंगू के इलाज की दवा तैयार...क्लीनिकल ट्रायल के बाद मरीजों को दी जा सकेगी खुराक
डेंगू संक्रमितों पर अध्ययन ट्रायल किया जाएगा।

कानपुर, ऋषि दीक्षित। देश-दुनिया में हर साल कहर बरपाने वाले डेंगू वायरस से अब घबराने की जरूरत नहीं हैं। वैज्ञानिकों ने डेंगू वायरस के इलाज के लिए एंटी वायरल दवा तैयार कर ली है। इस दवा के दो चरण के ट्रायल सफल रहे हैं। अब क्लीनिकल ट्रायल के लिए ड्रग कंट्रोल जनरल आफ इंडिया (डीजीसीआइ) ने अनुमति प्रदान कर दी है। देश के आठ सेंटरों समेत विदेश के 30 सेंटरों पर ट्रायल शुरू किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कालेज को भी क्लीनिकल ट्रायल के लिए चुना गया है, जहां 30 डेंगू संक्रमितों पर अध्ययन ट्रायल किया जाएगा।

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बारिश के मौसम में हर साल अगस्त से नवंबर तक डेंगू वायरस जमकर कहर बरपाता है, जो डेंगू मादा एडीज एजिप्टाई मच्छर के काटने से फैलता है। डेंगू वायरस का संक्रमण होने पर कंपकपी के साथ तेज बुखार आता है। शरीर पर लाल चकत्ते उभरने लगते हैं। फिर खून में प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं, जिससे सिरदर्द, चक्कर, भूख न लगना, खूनी दस्त व उल्टी शुरू होती हैं। गंभीर स्थिति में रक्त कोशिकाएं नष्ट होने से रक्तस्राव होने लगता है। डेंगू वायरस का अभी तक कोई कारगर इलाज नहीं था। डाक्टर मरीजों का लक्षण और जटिलता के आधार पर ही इलाज करते थे।

मुंबई की कंपनी ने तैयार की दवा

इस समस्या को देखते हुए मुंबई स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी ने डेंगू की एंटी वायरल ड्रग तैयार की है। पहले चरण में लैब में टेस्टिंग की गई। उसके बाद दूसरे चरण में चूहों पर प्रयोग भी सफल रहा है। अब कंपनी को डीजीसीआइ से मनुष्यों पर क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति मिल गई है। इसमें प्रोटोकाल का पालन करते हुए मरीजों पर अध्ययन किया जाएगा।

मरीज आने का इंतजार

बारिश के मौसम में ही डेंगू संक्रमित इलाज के लिए आते हैं। इसलिए डेंगू वायरस के संक्रमित मरीजों का इंतजार किया जा रहा है। इस रिसर्च में एलाइजा एनएस वन पाजिटिव रिपोर्ट वाले मरीजों को ही शामिल किया जाएगा।

इन सेंटरों पर रिसर्च

कानपुर, दिल्ली, अहमदाबाद, कोलकाता, अहमदाबाद, बेंगलुरू, चेन्नई, जयपुर, भोपाल के अलावा विदेश के 22 सेंटर हैं।

ऐसे होगा अध्ययन

30 डेंगू मरीज पर प्रत्येक सेंटर पर लिए जाएंगे।  

05 दिन का होगा दवा का पूरा कोर्स।

01 लाख से ऊपर होना चाहिए प्लेटलेट्स काउंट

एनएस-वन पाजिटिव होने पर होंगे शामिल।

बोले जिम्मेदार: डेंगू के इलाज के लिए तैयार की गई एंटी वायरल ड्रग के ट्रायल सफल रहे हैं। दवा तीन अलग-अलग डोज 500 एमजी, 750 एमजी और 1000 एमजी में तैयार की गई है, जिसे मरीजों के वजन के हिसाब से दिया जाएगा। मरीजों को पूरा कोर्स कराने के बाद उनके सैंपल जांच के लिए मुंबई स्थित लैब भेजे जाएंगे। साथ ही उन्हें लगातार छह माह तक निगरानी में रखा जाएगा। रिसर्च में प्रो. सौरभ अग्रवाल भी शामिल हैं। - प्रो. रिचा गिरि, उप प्राचार्य व चीफ गाइड, क्लीनिकल ट्रायल, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।  


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