Mukhtar Ansari News: पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण था पंजाब से बांदा का सफर, पढ़िए- कैसा रहा टीम का अनुभव
Mukhtar Ansari News पंजाब की रूपनगर जेल से यूपी की बांदा जेल तक का सफर पुलिसकर्मियों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण था। पुलिस टीम ने उन 14 घंटों का अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे वे 14 घंटे तक एक दूसरे का साथ देते रहे।
By Shaswat GuptaEdited By: Published: Thu, 08 Apr 2021 06:30 AM (IST)Updated: Thu, 08 Apr 2021 06:30 AM (IST)
बांदा, जेएनएन। Mukhtar Ansari News माफिया मुख्तार को लाने की ड्यूटी बड़ी चुनौती थी। यह जज्बा ही था, जिससे ऑपरेशन पूरा हो सका। बिना रुके, गाडिय़ों में ही लंच व डिनर करके रूपनगर से बांदा तक पहुंचे। खाने-पीने को कहीं वाहन से नीचे नहीं उतरे। ये अनुभव पंजाब से माफिया को लाने वाली टीम में शामिल सदस्यों ने साझा किए। पुलिसकर्मियों ने अपने अनुभव को कुछ इस प्रकार साझा किया है:
- बांदा से पंजाब जाने में तो बीच में कुछ जगह रुकते हुए गए थे, लेकिन मुख्तार अंसारी को रूपनगर जेल से लेकर लौटते समय काफी परेशानी हुई। मीडिया के एनकाउंटर जैसे सवाल उठाने से न कहीं खाना खाने को मिला और न ही लघुशंका ठीक से कर सके। लगातार चलते ही रहे। - महेंद्र प्रताप चौहान एसपी
- पंजाब से सुरक्षित बांदा लेकर आना चुनौतीपूर्ण ड्यूटी थी। जज्बे ने ड्यूटी को आसान बनाया। खूब मजा आया। बिना कहीं रुके 900 किलोमीटर का सफर तय किया। चलते वाहनों में ही लंच किया। काफी देर से सभी साथी लघुशंका रोके थे। इससे सिर्फ एक जगह जेवर टोल प्लाजा के पास पेट्रोल पंप को पूरी तरह खाली कराया गया। वहीं, वाहनों में ईंधन भी लिया गया। - सत्य प्रकाश शर्मा सीओ सदर
- पंजाब से बांदा का लंबा सफर था। पहली बार लगातार एक साथ इतनी दूर का सफर बिना रुके किया। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रास्ते में कहीं भी वाहन नहीं रोके गए। 14 से 15 घंटे के सफर में रास्ते में चलते वाहनों में ही सभी ने लंच-डिनर किया था। इस दौरान वाहनों का मीडियाकर्मियों के वाहन लगातार पीछा करते रहे। कई बार अपने वाहन बीच में लाने के प्रयास से दिक्कत हुई। सीओ सदर की अगुवाई में काफिला सकुशल वापस लौटा। - रामाश्रय सिंह, निरीक्षक कमासिन थाना।
- मुख्तार को सुरक्षित लाने की जिम्मेदारी दी गई थी। अपने इस फर्ज को बखूबी निभाया है। लगातार सफर में चलते रहने के कारण बाद में थकान महसूस हुई है। मीडिया के वाहनों रास्ते में ओवरटेक करने से हादसा होने की आशंका नजर आ रही थी। लेकिन पुलिस के कुशल चालक अपना काम बखूबी अंजाम देते रहे हैं। - राधा मोहन दुबे, चौकी इंचार्ज सिमौनी
- मुख्तार को जब पंजाब लेने गए तो वहां के लोगों में भय नजर आ रहा था। वहां से निकलने के बाद रास्ते में पेट्रोल पंप में वाहनों में तेल भरवाया गया। वहीं, पर लंच पैकेट दिए गए, जिन्हें बाद में चलते वाहनों के अंदर ही खाया। 48 वर्ष की उम्र में इससे पहले कभी ऐसी मेहनत नहीं पड़ी थी। - मदन कुमार, चालक सिपाही, बबेरू कोतवाली।
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