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दुबई से मां-बेटे इन बड़े नामों से करते रहे फर्जी शिकायत, जांच में सामने आया ये सच

पीएमओ के असिस्टेंट डायरेक्टर के पत्र पर डीजीपी ने कार्रवाई के आदेश दिए तो नजीराबाद थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।

By AbhishekEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 02:52 PM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 02:52 PM (IST)
दुबई से मां-बेटे इन बड़े नामों से करते रहे फर्जी शिकायत, जांच में सामने आया ये सच
दुबई से मां-बेटे इन बड़े नामों से करते रहे फर्जी शिकायत, जांच में सामने आया ये सच

कानपुर, जेएनएन। कभी किसी सचिव तो कभी किसी एडिशनल सेकेट्री, इतना ही नहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री के पीएस के नाम को प्रेषक में लिखकर फर्जी शिकायत करने वाले मां-बेटे का सच आखिर सामने आ ही गया। दोनों नजीराबाद क्षेत्र स्थित मकान के पते से शेयर कंपनियों के खिलाफ प्रार्थना पत्र भेज रहे थे और पत्रों में प्रेषक के स्थान पर पीएमओ के अधिकारियों के नाम लिखते थे। पीएमओ के असिस्टेंट डायरेक्टर पीके इस्सर के पत्र पर डीजीपी ओपी सिंह ने कार्रवाई के आदेश दिए तो मां-बेटे के खिलाफ नजीराबाद थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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इस तरह पकड़ में आया मामला

नजीराबाद पुलिस के मुताबिक प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) साउथ ब्लॉक, नई दिल्ली द्वारा बीते साल 12 दिसंबर को जारी पत्र को संज्ञान में लेते हुए मामला दर्ज किया गया है। पीएमओ के असिस्टेंट डायरेक्टर की ओर से भेजे गए पत्र के मुताबिक नजीराबाद निवासी जगदीश खïट्टर व गीता खïट्टर ने कई प्रार्थनापत्र दिए। आरोपितों के द्वारा सेबी, शेयर कंपनी कोटक सिक्योरिटीज, शेयरखान आदि के खिलाफ प्रतिभूति लेनदेन पर अनुचित रोक के संबंध में लगातार पत्राचार किया जा रहा था। गंभीर बात यह है कि प्रेषक के तौर पर कई अधिकारियों के नामों का गलत प्रयोग किया। इन पत्रों को ईओडब्ल्यू, सेबी, ईडी, एमओएफ और सीबीसी आदि को भी भेजा गया। पत्रों की जांच व फाइलिंग में मामला पकड़ा गया।

इसके आधार पर उत्तर प्रदेश पुलिस को तत्काल शिकायत दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया। अभी तक की जांच में सामने आया है कि मां-बेटे ही आरोपित हैं, जो कई सालों से दुबई में रह रहे हैं। इसकी पुष्टि के लिए आसपास के लोगों व रिश्तेदारों से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही पासपोर्ट व वीजा कार्यालय से इनके विदेश में होने की जानकारी जुटाई जा रही है।

पत्रों में प्रेषक पर लिखे ये नाम

आरोपितों ने 9 मार्च 2017 से 5 अक्टूबर 2018 के बीच कई पत्राचार किए। इन पत्रों में प्रेषक के स्थान पर ब्रजेंद्र नवनीत (जेएस), अरविंद कुमार शर्मा (एडिशनल सेक्रेट्री), तरुण बजाज (एडिशनल सेक्रेट्री), श्रीकर के परदेशी (जेएस), राजनाथ सिंह (होम मिनिस्टर), देबश्री मुखर्जी (जेएस), नरेंद्र मोदी (प्रधानमंत्री) राजीव टोपनो (पीएस), नेम्या सी खंपा (एक्स डायरेक्टर-पीएमओ), डॉ. पीके मिश्रा (एडीएल पीआरएल), मयूर माहेश्वरी (डायरेक्टर पीएमओ), विनय मोहन (एक्स जेएस-पीएमओ), नृपेंद्र मिश्रा (पीआरएल सेक्रेट्री) व हर्षिता अतलूरी के नाम का प्रयोग किया गया है। जिन्हें पीएम व अन्य अधिकारियों को भेजा गया।

घर पर किरायेदार, पड़ोसी भी नहीं जानते

नजीराबाद में रहने वाले जगदीश व उसकी मां गीता पिछले 30 साल से दुबई में रह रहे हैं, जहां वह टेक्सटाइल का काम करते हैं। यह जानकारी जगदीश के चचेरे भाई नीरज ने दी। उनका कहना है कि उनका शहर में आना नाम मात्र का है। पड़ोसियों ने कई सालों से उन्हें नहीं देखा।


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