पहली नवंबर से कॉलेज लगाएंगे स्नातक की ऑनलाइन क्लास, शिक्षक बना रहे ई-कंटेंट
कुलपति व डिग्री कॉलेज प्राचार्यों ने शिक्षकों को दिए निर्देश एक नवंबर से स्नातक की ऑनलाइन कक्षाएं लगने लगेंगी हर सहाय डिग्री कॉलेज में ई-कंटेंट बनाए जाने की शुरूआत हो चुकी है कॉलेज के कई शिक्षकों ने व्याख्यान तैयार करके उन्हें वेबसाइट व यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया
कानपुर, जेएनएन। कोरोना काल में डिग्री कॉलेज अब ऑनलाइन पढ़ाई कराए जाने का मन बना चुके हैं। इस सत्र में स्नातक की कक्षाएं ऑनलाइन लगेंगी। ऑफलाइन में छात्रों को उनके प्रस्ताव पर ही बुलाया जा सकता है। कॉलेज प्राचार्यों ने शिक्षकों से ई-कंटेंट बनाए जाने के निर्देश जारी किए हैं। पीपीएन, क्राइस्ट चर्च, हर सहाय डिग्री कॉलेज व वीएसएसडी डिग्री कॉलेज समेत अन्य कॉलेजों में ऑनलाइन कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। इसके अलावा शहर के अन्य कॉलेज भी स्नातक प्रथम वर्ष की कक्षाएं प्रारंभ कराने के लिए ई-कंटेंट बना रहे हैं।
कॉलेज प्रबंधन ने शिक्षकों को दिया टारगेट
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से संबद्ध डिग्री कॉलेजों में नया सत्र प्रारंभ हो चुका है। कॉलेज प्रबंधन ने छात्रों की पढ़ाई शुरू कराने के लिए शिक्षकों को ऑनलाइन लेक्चर व ई-कंटेंट बनाने के लिए विज्ञान, कला व वाणिज्य के 12 से लेकर 20 लेक्चर बनाए जाने का लक्ष्य दिया है। डिग्री कॉलेज प्राचार्यों ने प्रत्येक विषय की कम से कम एक यूनिट के ऑनलाइन लेक्चर, असाइनमेंट व वीडियो लेक्चर बनाने के निर्देश दे दिए हैं। इन निर्देशों का पालन करते हुए शिक्षकों का समय ई-कंटेंट बनाने में गुजर रहा है।
एक नवंबर से शहर के ज्यादातर डिग्री कॉलेजों में स्नातक की ऑनलाइन कक्षाएं लगने लगेंगी। हर सहाय डिग्री कॉलेज में ई-कंटेंट बनाए जाने की शुरूआत हो चुकी है। प्राचार्य डॉ. स्वदेश श्रीवास्तव ने बताया कि शनिवार से ऑनलाइन लेक्चर के अंतर्गत बीकॉम प्रथम वर्ष की कक्षाएं प्रारंभ हो गईं। इसके अलावा क्राइस्ट चर्च डिग्री कॉलेज में भी ऑनलाइन कक्षाएं चलने लगी हैं। प्रवेश प्रभारी डॉ. डीसी श्रीवास्तव ने बताया कि एक नवंबर से इन कक्षाओं में स्नातक प्रथम वर्ष के छात्रों की संख्या बढ़ जाएगी। कॉलेज के कई शिक्षकों ने व्याख्यान तैयार करके उन्हें वेबसाइट व यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया है।
इनका ये है कहना
सीएसजेएमयू कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने बताया कि जिन कॉलेजों के पास ऑनलाइन व्याख्यान रिकार्ड करने के संसाधन नहीं हैं वह विश्वविद्यालय की डिजिटल लैब मेें उन्हें रिकॉर्ड कर सकते हैं।