जानें-कौन था डी-2 गैंग का हिस्ट्रीशीटर मोनू पहाड़ी, जरायम की दुनिया में कायम थी दहशत
कानपुर जेल में झगड़ा करने पर इटावा जेल शिफ्ट किया गया था।
कानपुर, जेएनएन। इटावा जेल में बंदियों के हमले में मारे गए कानपुर के डी-2 गैंग से जुड़े कुख्यात हिस्ट्रीशीटर मोनू पहाड़ी की मौत की खबर से शहरवासियों और पुलिस ने राहत महसूस की है, वहीं अपराधियों की भी दहशत कम हुई है। मोनू पहाड़ी की मुस्लिम बाहुल इलाकों समेत शहर में जरायम की दुनिया में दहशत कायम थी। कानपुर नगर के थानों में उसके खिलाफ हत्या, लूट समेत कई संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं और हिस्ट्रीशीट खुली है।
शहर में अपराधिरयों से चलती थी रंजिश
अनवरगंज के 91-99, दलेलपुरवा में रहने वाले 40 वर्षीय मोनू पहाड़ी ने कम उम्र में ही अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था। शहर अपराध की दुनिया में वर्चस्व कायम करने के लिए मोनू पहाड़ी की कई अपराधिरयों से रंजिश चलती थी। वहीं कई अपराधी उसके नाम से कांपते थे, कहा जाता था कि मोनू जरा सी बात पर नाराज होकर तमंचे से गोली मार देता था। उससे शहर के व्यापारी भी डरते थे क्योंकि पर्ची में मांग करने के बाद यदि पूरी नहीं होती थी तो वह तुरंत हमला कर सकता था।
हिस्ट्रीशीट खुलने के साथ मोनू पहाड़ी पर दर्ज हैं कई मुकदमे
मोनू पहाड़ी को डी-2 गैंग का सक्रिय सदस्य माना जाता था। शहर में कई लूट और हत्या की घटनाओं में उसका नाम सामने आया। कलक्टरगंज में व्यापारी से लूट की घटना हो या फिर कोचिंग मंडी में चर्चित रहे हारुन हत्याकांड का मामला, कई घटनाओं में उसकी संलिप्तता होने की बात पुलिस जांच में सामने आई थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार मोनू पहाड़ी पर कानपुर के अलग अलग थानों में छह मुकदमे दर्ज होने की बात कही गई है और उसकी हिस्ट्रीशीट भी खुली है। उसे जिला मजिस्ट्रेट कानपुर देहात के द्वारा प्रशासनिक आधार पर कानपुर जेल से इटावा कारागार में 7 अक्टूबर 2016 को स्थानांतरित किया गया था। जेल अधीक्षक राज किशोर ने बताया कि मोनू पहाड़ी की मौत की जानकारी परिजनों को दी गई है।
कानपुर जेल में मारपीट करने पर हुआ था स्थानांतरण
पुलिस के सूत्रों की मानी जाए तो मोनू पहाड़ी जेल में भी हनक बनाने के लिए अक्सर मारपीट करता था। मोनू ने कानपुर जेल में भी बंदियों और बंदी रक्षकों से मारपीट की थी। इसी आधार पर जेल प्रशासन ने उसे इटावा जेल शिफ्ट कर दिया था।
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